बजट से एमएसएमई निराश बोले छोट उद्यमियों के लिए नही है कुछ खास

आम बजट पर उद्यमियों की मिश्रित प्रतिक्रिया

गाजियाबाद। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में 2021-22 का बजट पेश किया। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) गाजियाबाद चैप्टर ने बजट पर मिश्रित प्रतिक्रिया जाहिर की है। आईआईए का कहना है कि यह बजट आमजन के हित में हैं, मगर सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की फिर अनदेखी की गई है। एमएसएमई सेक्टर की उम्मीदों पर यह बजट खरा नहीं उतरा है। आईआईए के प्रतिनिधियों ने बजट पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है। आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज सिंघल ने कहा कि सीधे तौर पर एमएसएमई सेक्टर के लिए कोई आर्थिक पैकेज की घोषणा नहीं की गई है, परंतु स्टार्टअप के लिए टैक्स हॉलिडे में 1 वर्ष की वृद्धि, विभिन्न क्षेत्रों में आधारिक संरचनाओं के विकास हेतु की गई घोषणा, छोटे टैक्सपेयर के लिए डिस्पूट रिज्यूलेशन पैनल, कंपनी एक्ट-2013 के तहत लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप-2008 के अधिनियम के डिक्रिमिनलाइजेशन का प्रस्ताव, कपड़ा उद्योग हेतु मेगा इंवेस्टमेंट टैक्सटाइल पार्क कहीं ना कहीं एमएसएमई को बढ़ावा देंगी।
डिविजनल चेयरमैन प्रदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि यद्यपि इस बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए 15700 करोड़ का पैकेज निर्धारित किया गया है। उसका क्रियान्वयन किस प्रकार होगा। यह देखने का विषय है। पूर्व में भी एमएसएमई सेक्टर के लिए घोषणाएं हुई हैं, मगर उनका धरातल पर क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। इसके अलावा जीएसटी के तहत नियमों में सख्ती के कारण, जो डर व्यापारी वर्ग में है, जिसकी बजट में अपेक्षा थी, परंतु जीएसटी के नियमों में सरलीकरण से संबंधित कोई घोषणा नहीं हुई।
चैप्टर चेयरमैन मनोज कुमार ने कहा कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) के कारण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहे हैं तथा इस बजट में उद्योगों को विभिन्न आशाएं थीं, परंतु एमएसएमई सेक्टर हेतु कोई आर्थिक पैकेज अथवा टैक्स छूट की घोषणा नहीं हुई। इससे निराशा है।
सचिव राकेश अनेजा ने बताया कि इस बजट के माध्यम से स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण, नए क्षेत्र के विकास, आधुनिकता की तरफ आगे बढऩा, नए सुधार लाना तथा मानव संसाधन को नए आयाम देने पर ध्यान दिया गया है, लेकिन कोविड-19 के चलते जो आर्थिक पैकेज एवं कर छूट इत्यादि की घोषणा एमएसएमई सेक्टर के लिए होनी चाहिए थी, वह इस बजट में नहीं है।
आईआईए एपेक्स बॉडी मेंबर जगदीश प्रसाद कौशिक ने बताया आज का बजट संतुलित बजट है। जिसमें पुरानी परियोजनाओं को आगे बढाया गया है। लोहे और कॉपर पर कस्टम ड्यूटी कम होने से मैनुफैक्चरिंग कम होगी। देश में कोविड-19 (कोरोना वायरस) के कारण एमएसएमई सेक्टर को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में एमएसएमई सेक्टर को ज्यादा सहारे की जरूरत है। एक तरफ सरकार अगले कुछ साल में इस सेक्टर में 5 करोड़ नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है, दूसरी तरफ आम बजट में इस सेक्टर के लिए बहुत ज्यादा रियायतें नहीं दी गई हैं। सरकार को इस विषय में विचार करना चाहिए।