अय्याश सरकारी इंजीनियर के कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुला, सामने आए गहरे राज

70 से ज्यादा बच्चों के यौन शोषण का आरोप

लखनऊ। जनपद बांदा में यौन शोषण में गिरफ्तार सिंचाई विभाग के बर्खास्त जूनियर इंजीनियर (जेई) रामभवन से जुड़े कुछ और गहरे राज सामने आए हैं। सीबीआई जांच में रामभवन के कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुल गया है। आरोप है कि बर्खास्त जेई ने 70 से ज्यादा बच्चों का यौन शोषण किया था। उन बच्चों को एचआईवी होने की आशंका जाहिर की गई है। बांदा जिले में सिंचाई विभाग के बर्खास्त अवर अभियंता (जेई) रामभवन के कारनामों की कलई खुल गई है। सीबीआई की अभी तक की जांच के मुताबिक आरोपी ने 70 से अधिक बच्चों का यौन शोषण किया था। सीबीआई ने आरोपी रामभवन को पिडोफाइल प्रवृत्ति, फोरेंसिक और मेडिकल जांच के लिए सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की टीम के सामने पेश किया। रामभवन को सीबीआई टीम ने कुछ समय पहले चित्रकूट से पकड़ा था। उसके विरूद्ध धारा-17 पॉस्को एक्ट और 120 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी रामभवन बांदा के नरैनी का रहने वाला है। इससे पहले उसकी पत्नी को भी दबोचा गया था। रामभवन की पत्नी दुर्गावती पर पॉक्सो अधिनियम की धारा-17 (बाल यौन शोषण अपराध में मदद करना और छिपाना) और 120बी (षड्यंत्र में शामिल होना) के अंतर्गत आरोप हैं। अभी इस मामले में और कई लोग गिरफ्तार हो सकते हैं। सीबीआई जांच में मालूम पड़ा है कि रामभवन ने 4 साल के बच्चों से लेकर 22 साल तक के युवकों के साथ यौन संबंध बनाए थे। आरोपी ने अपने रिश्तेदारों के बच्चों को भी नहीं बख्शा। आरोपी रामभवन कथित तौर पर ऑनलाइन वीडियो और फोटोग्राफ की बिक्री करता था। सीबीआई अब रामभवन को केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब लेकर जाएगी। दरअसल सीबीआई यौन शोषण के वीडियो में मौजूद आवाजों का मिलान कराना चाहती है। इस प्रकरण के सामने आने के बाद जेई रामभवन को सिंचाई विभाग ने बर्खास्त कर दिया था।