खुशी के मौके पर चीन-अमेरिकी के बीच भिड़ंत

-संयुक्त राष्ट्र में शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप का पारा चढ़ा
-कोविड-19 पर दोनों ताकतवर नेता एक-दूसरे पर हमलावर

संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका और चीन के मध्य तनाव निरंतर बढ़ रहा है। मौका मिलने पर दोनों देश एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाने से पीछे नहीं रहते। कोरोना काल में भी वाशिंगटन और बीजिंग की तल्खी दुनियाभर का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है। ताजा मामला संयुक्त राष्ट्र का सामने आया है। जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग में जुबानी जंग हो गई। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने खूब भड़ास निकाली। संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग आपस में भिड़ गए। दोनों ने एक-दूसरे पर शब्दों के तीखे तीर चलाए। इन दोनों ताकतवार हस्तियों की यह रार निकट भविष्य में कोई गुल जरूर खिला सकती है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोविड-19 (कोरोना वायरस) से बात शुरू की। उन्होंने कहा कि आर्थिक ग्लोबलाइजेशन एक निर्विवाद वास्तविकता और ऐतिहासिक प्रवृत्ति है। शुतुरमुर्ग की भांति रेत में सिर घुसाना या बदलाव के पुराने तरीके इतिहास की प्रवृत्ति के खिलाफ जाते हैं। हमें मालूम होना चाहिए कि दुनिया कभी भी अलगाव में नहीं लौटेगी। कोई भी देशों के मध्य संबंधों को नहीं बदल सकता है। चीनी राष्ट्रपति का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति को जवाब था। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में कोरोना को चीनी वायरस बताया। उन्होंने कहा कि चीनी वायरस के खिलाफ जबरदस्त लड़ाई छेड़ी गई, जिसने 188 देशों में अनगिनत जिंदगियों को खत्म कर दिया है। उन्होंने चीन पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना को दुनिया में फैलाने के लिए चीन को दोषी ठहराया जाना चाहिए। चूंकि चीन ने घरेलू उड़ानों पर पाबंदी लगा दी, मगर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को जारी रखा ताकि कोविड-19 दुनिया को संक्रमित कर सके। अमेरिकी राष्ट्रपति टं्रप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को भी नहीं बख्शा। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन के कारनामों पर पर्दा डालने के लिए डब्ल्यूएचओ ने भरपूर कोशिश की, जिसका खामियाजा आज पूरी दुनिया को भुगतना पड़ रहा है।