हाथरस केस : पीडि़त पक्ष को नार्को टेस्ट मंजूर नहीं

सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग

लखनऊ। हाथरस गैंगरेप एवं हत्या केस पर बवाल थम नहीं पाया है। केस की एसआईटी जांच से पीडि़त पक्ष कतई संतुष्ट नहीं है। एसआईटी अथवा सीबीआई जांच की बजाए सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में पूरे प्रकरण की विवेचना की मांग की गई है। पीडि़त परिवार ने नार्को टेस्ट कराने से भी साफ इंकार कर दिया है। जनपद हाथरस में 19 वर्षीय युवती की गैंगरेप के बाद हत्या का मामला सुर्खियों में है। युवती की मौत के बाद देर रात शव का जबरन अंतिम संस्कार कराए जाने से पीडि़त परिवार बेहद आहत है। परिवार ने सरकार, पुलिस-प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। सरकारी तंत्र ने शनिवार को मीडिया को पीडि़त परिवार से मिलने की इजाजत दी। इसके बाद मृतका के परिजनों का आक्रोश सामने आया। उन्होंने कहा कि एसआईटी जांच से वह संतुष्ट नहीं हैं। सीबीआई जांच कराई जाएगी तो उस पर भी भरोसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। मृतका की मां ने पुलिस-प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें आखिरी बार बेटी का चेहरा तक देखने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि वह नार्को टेस्ट नहीं कराएंगे। चूंकि उन्होंने अपना बयान बार-बार नहीं बदला है। पीडि़ता की भाभी ने कहा कि पुलिस को यह साफ करना चाहिए कि उस रात किसके शव का अंतिम संस्कार किया गया था। वह हमारी लड़की का शरीर नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार को हमारा नहीं बल्कि डीएम और एसपी का नार्को टेस्ट कराना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कल (शुक्रवार को) एसआईटी हमारे घर नहीं आई। वह वीरवार को आए थे। सुबह करीब 9 से दोपहर ढाई बजे तक रहे। इसके बाद चले गए थे। पीडि़त परिवार ने शनिवार को अपनी नाराजगी का खुलकर इजहार किया। उन्होंने हाथरस के जिलाधिकारी पर धमकाने का भी आरोप लगाया।