2 करोड़ तक के कर्ज पर चक्रवद्धि ब्याज नहीं

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का हलफनामा

8 श्रेणी के कर्जदाताओं को मिलेगी राहत

नई दिल्ली। कोरोना काल में संकटग्रस्त कर्जदारों के लिए राहतभरी खबर सामने आई है। 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज पर सरकार अब चक्रवद्धि ब्याज की वसूली नहीं करेगी। केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। 6 माह के इस लोन मोराटोरियम में एमएसएमई से लेकर पर्सनल लोन तक शामिल हैं। 2 करोड़ तक के एमएसएमई लोन, होम लोन, ऑटो लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, पर्सनल, प्रोफेशनल लोन तथा कंजप्शन लोन के मामले में कर्जदारों को यह राहत दी गई है। मान लीजिए यदि किसी नागरिक अथवा कंपनी ने सरकार से 2 करोड़ तक का होम लोन ले रखा है। ऐसे मामले में सरकार ब्याज पर ब्याज की वसूली नहीं करेगी। यानी कर्जदार को चक्रवृद्धि ब्याज का टेंशन नहीं रहेगा। केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर ब्याज की छूट का भार सरकार वहन करेगी। उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से सरकार द्वारा अनुमति ली जाएगी। इसके पहले सरकार ने शीर्ष अदालत में कहा था कि चक्रवद्धि ब्याज को माफ करना संभव नहीं है। चूंकि इससे बैंकों की हालत पर असर पड़ेगा। ऐसे में शीर्ष अदालत ने कर्जदारों की मदद के लिए पूर्व सीएजी राजीव महर्षि की अध्यक्षता में पैनल का गठन किया था। इस पैनल के सुझाव को मानकर सरकार ने अपना पुराना रूख बदल दिया। सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर अगली सुनवाई 5 अक्तूबर को होगी। 6 माह के मोराटोरियम की यह सुविधा सिर्फ उन कर्जदारों को मिलेगी, जिन पर 2 करोड़ तक के लोन हैं। इससे ज्यादा लोन पर कोई राहत नहीं होगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दरम्यान केंद्र सरकार से ठोस तैयारी के साथ आने को कहा था। कोर्ट ने मामले को बार-बार टालने पर नाराजगी भी जाहिर की थी। कोर्ट 31 अगस्त तक नहीं चुकाए गए लोन को एनपीए घोषित न करने की बात भी कही थी। उधर, सरकार के नए रूख से 2 करोड़ तक के कर्जदारों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।