कोरोना काल में आवंटियों पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मेहरबान

ओटीएस शुरू, साढ़े 11 हजार आवंटियों को मिलेगी राहत
ट्रांसफर शुल्क में भी कमी, प्रशासनिक व्यय भी आधा किया

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कोरोना काल में अपने साढ़े 11 हजार से ज्यादा आवंटियों पर मेहरबानी की है। इससे आवंटियों को काफी राहत मिल सकेगी। एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) की शुरूआत कर दी गई है। ओएसटी से बकाएदारों की परेशानी कम होगी। ट्रांसफर शुल्क को भी कम कर दिया गया है। पहले के मुकाबले ट्रांसफर शुल्क में 50 प्रतिशत की कमी हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बहुप्रतिक्षित बोर्ड बैठक में अह्म निर्णय लिए गए। कोरोना संक्रमण के कारण यह बैठक अब कराई गई है। बोर्ड बैठक में प्राधिकरण की आय बढ़ाने और आवंटियों को सहुलियत देने संबंधी कई प्रस्ताव रखे गए थे। ग्रेनो प्राधिकरण ने बकाएदारों के लिए ओटीएस योजना को प्रारंभ किया है। पूर्व में लाभान्वित आवंटियों को इससे दूर रखा गया है। ओटीएस योजना में 30 सितंबर तक आवेदन करना होगा। 150 वर्ग मीटर से कम आकार के भूखंड एवं भवनों के आवंटियों को आवेदन के साथ 2 हजार रुपए प्रोसेसिंग फीस जमा करनी होगी। जबकि इससे बड़े भूखंड एवं भवनों के आवंटियों के लिए प्रोसेसिंग फीस 5 हजार रुपए है। ओटीएस के तहत बकायेदारों से साधारण ब्याज लिया जाएगा। इसमें किसी प्रकार का जुर्माना नहीं लगेगा। आवंटियों से 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर में भी साधारण ब्याज लिया जाएगा। साढ़े 11 हजार से अधिक आवंटियों को इसका फायदा मिलेगा। ओटीएस में जिन आवंटियों ने भूखंड एवं भवन की लीज डीड (रजिस्ट्री) नहीं कराई है, उन्हें विलंब शुल्क में 40 प्रतितशत की छूट मिलेगी। यह लाभ भी 30 सितंबर तक मिलेगा। इससे 3400 आवंटियों को रजिस्ट्री कराने का आसान तरीका मिल गया है। प्राधिकरण में 3400 रजिस्ट्री लंबित पड़ी हैं। ग्रेनो प्राधिकरण ने ट्रांसफर शुल्क को कम कर दियाा है। संस्थागत, औद्योगिक, बिल्डर्स एवं वाणिज्यिक श्रेणी में प्रभावी ट्रांसफर शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। आवासीय भूखंड, बिल्टअप हाउसेस, दुकान, कियोस्क आदि के ट्रांसफर शुल्क को 5 प्रतिशत से घटाकर ढाई प्रतिशत कर दिया गया है। फ्लैट बायर्स के आवंटियों के लिए हस्तानांतरण शुल्क अधिकतम एक प्रतिशत कर दिया गया है। यह शुल्क वर्तमान आवंटन दरों पर लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रशासनिक व्यय को घटाकर 12 प्रतिशत से 6 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे प्राधिकरण द्वारा आवंटित परिसंपत्तियों की रिजर्व प्राइस (आवंटन दर) कम हो जाएगी। इसका सीधा लाभ खरीदारों को मिलेगा।