जेवर एयरपोर्ट : डिजिटल पार्टनर का किया गया चयन

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) का निर्माण जोर-शोर पर शुरू हो चुका है। निर्धारित अवधि में जेवर एयरपोर्ट का संचालन शुरू करने को हरसंभव कोशिश हो रही है। इसी क्रम में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा.लि. (वाईआईएपीएल) ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। एयरपोर्ट संचालन के लिए डिजिटल पार्टनर के रूप में आईसीएडी होल्डिंग लिमिटेड का चयन किया गया है। आईसीएडी से मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर (एमएसआई) के लिए समझौता किया गया है। आईसीएडी कोर एयरपोर्ट सिस्टम को स्थापित करेगी।

आईसीएडी ने यह सेवाएं उपलब्ध कराने को विप्रो लिमिटेड और यूएसए से रॉस एंड बरुजिनी के साथ पार्टनर्शिप की है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को सिविल वर्क आवंटित किया गया है। यह एयरपोर्ट पूरी तरह से डिजिटल होगा। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई है। वाईआईएपीएल ने मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर (एमएसआई) सलाहकार के रूप में आईसीएडी से समझौता किया है। दुनिया में डिजिटल हवाई अड्डे के निर्माण के लिए आईसीएडी की एक अलग पहचान है।

आईसीएडी के लिए यह दुनिया का 45वां एयरपोर्ट होगा, जहां एमएसआई विकसित करेगी। यह कंपनी अत्याधुनिक तकनीक के साथ हवाई अड्डे के संचालन के लिए इंटीग्रेटेड सिस्टम बनाएगी। कंपनी यात्री सेवाओं, इनडोर नेविगेशन, यात्री भीड़ प्रबंधन और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीक से एयरपोर्ट को लैस करेगी। जेवर एयरपोर्ट में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की डिजि ट्रैवेल पॉलिसी के तहत काम होगा।

वाईआईएपीएल के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा कि डिजिटल हवाई अड्डे बनाने के लिए आईसीएडी के साथ साझेदारी की है। आईसीएडी के सीईओ घासन सईघ ने कहा कि भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट के साथ मिलकर काम करेंगे। आईसीएडी के लिए यह दुनिया का 45वां एयरपोर्ट होगा, जहां एमएसआई विकसित करेंगे। आईसीएडी ने एमएसआई सेवाएं देने के लिए विप्रो लिमिटेड और यूएसए की रॉस एंड बरुज़िनी के साथ भागीदारी की है।