जेवर एयरपोर्ट के लिए कम पड़ रही जमीन की होगी खरीददारी

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। एयरपोर्ट निर्माण के प्रथम चरण के कार्य को पूर्ण करने के लिए कुछ जमीन कम पड़ रही है। इस कमी को दूर करने के लिए जमीन की खरीददारी की जाएगी। जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा और यहां पर सभी कार्य अंतर्राष्टÑीय मानकों के अनुरूप कराये जा रहे हैं। इसी कड़ी में डायरेक्टरेट जनरल आॅफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने कुछ अतिरिक्त जमीन की मांग रखी थी। जिसे जल्द यमुना प्राधिकरण द्वारा पूरा करा दिया जाएगा।

जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में बन रहा है। एयरपोर्ट में रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग और आईटीसी बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इसका निर्माण कार्य करा रही है। डीजीसीए के नियमों के अनुरूप ही सभी काम कराये जा रहे हंै। इन नियमों को पालन कराने के लिए 1.5839 हेक्टेयर जमीन की और जरूरत पड़ रही है। इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया था। शासन ने जमीन खरीद की अनुमति दे दी है। ऐसे में अब जल्द ही जमीन की कमी को पूरा कराया जाएगा। इसके अलावा कागजों में दर्ज और मौके पर मौजूद जमीन में भी कुछ अंतर आ रहा था। इस अंतर को खत्म करने के लिए भी यह जमीन खरीदी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन तकनीकी जरूरतों को भी पूरा करेगी। डीजीसीए के नियमों का पालन कराने के लिए यह जमीन खरीदी जा रही है।