चीन पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगा मेडिकल डिवाइस पार्क

सौ करोड़ से ज्यादा में तैयार होगा फेसेलिटी सेंटर, सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे उद्यमी

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क प्रोजेक्ट पर काम जोरों पर चल रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार भी इस प्रोजेक्ट में काफी दिलचस्पी दिखा रही है। भविष्य में यह प्रोजेक्ट चीन पर भारत की कच्चे माल की निर्भरता को कम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। फिलहाल विभिन्न दवाओं और मेडिकल उपकरण के लिए भारत को चीन की कंपनियों का मुंह देखना पड़ता है। इस बीच मेडिकल डिवाइस पार्क में फेसेलिटी सेंटर के निर्माण का भी निर्णय लिया गया है।

फेसेलिटी सेंटर पर सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आने का अनुमान है। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना की जानी है। इसके लिए काफी समय से प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार भी इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी ले रही हैं। केंद्र की तरफ से आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई जा रही है। प्रोजेक्ट को समय से पूर्ण कराने में यूपी सरकार जुटी है। मेडिकल डिवाइस पार्क अपने आप में बेहद कारगर और अनूठा प्रोजेक्ट है। जहां देश-विदेश की दवा और मेडिकल उपकरण निर्माता कंपनियों द्वारा प्लांट लगाए जाएंगे।

कोरोना काल में भारत में जरूरी दवाओं एवं उपकरणों की कमी सामने आई थी। इसके बाद सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्क जैसे प्रोजेक्ट की तरफ ध्यान दिया। देशभर में 4 डिवाइस पार्क बनाए जाने हैं। उत्तर प्रदेश का पहला पार्क यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनाया जाना है। इस प्रोजेक्ट में फेसेलिटी सेंटर को भी जगह दी जा रही है। जिस पर सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आने का अनुमान है। फेसेलिटी सेंटर में विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वहां कॉमन आईटी फेसेलिटी, थ्री डी डिजायन, रेपिड प्रोटोटाइप एंड टूल लैब, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, सेंसर टेस्टिंग एंड इंटीग्रेशन फेसेलिटी, इलेक्ट्रॉनिक केलिब्रेशन एंड टेस्टिंग, कॉमन टूल रूम, बायो मैटेरियल टेस्टिंग, इंटरनेट ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी, डिजिटल डिस्प्ले जोन, एआईएमएल एंड कंप्यूटिग, गामा विकिरण जोन इत्यादि होंगे।

मेडिकल डिवाइस पार्क में इकाई स्थापित करने वाले उद्यमी इन सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे। उधर, यमुना प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) मोनिका रानी ने बताया कि मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए भूखंड योजना निकाली गई थी। यह योजना 22 जून को समाप्त हो जाएगी।

आवेदनों की जांच के लिए एजेंसी का चयनित की गई है। चयनित एजेंसी विदेशी निवेश की संभावना को बढ़ाने के लिए रोड शो भी कराएगी। बता दें कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इसमें इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी शामिल है। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। आने वाले समय में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र अलग-अलग योजनाओं के कारण अपनी नई पहचान कायम करेगा।