प्लानिंग : इधर उड़ेंगे प्लेन, उधर चलेगी पॉड टैक्सी

नोएडा एयरपोर्ट व पॉड टैक्सी की एक साथ होगी शुरुआत

ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र (यीडा) के नागरिकों के लिए अच्छी खबर है। यीडा सिटी में पॉड टैक्सी के लिए जोरों पर कसरत चल रही है। यदि सब-कुछ ठीक-ठाक रहा तो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत के साथ पॉड टैक्सी का संचालन भी आरंभ हो जाएगा। फिल्म सिटी से नोएडा एयरपोर्ट के मध्य पॉड टैक्सी चलाने की योजना है। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी सरकारी संस्था को इसके लिए परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। यह संस्था एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रेषित करेगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) और पॉड टैक्सी के लिए अब ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नोएडा एयरपोर्ट के आस-पास सिटी साइट विकसित की जानी है। यह एक अलग शहर होगा। इसमें मल्टीनेशनल कंपनियों के कार्यालय और बड़े कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स भी होंगे। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र (यीडा) के सेक्टर-21 में फिल्म सिटी प्रस्तावित है। नोएडा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी के मध्य 5.5 किलोमीटर की दूरी में पर्यटन केंद्र विकसित होगा, जिससे पर्यटकों का आवागमन काफी बढ़ेगा। इसके अलावा ट्वॉय सिटी, अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क और एमएसएमई क्लस्टर भी उसी के आस-पास विकसित हो रहे हैं। इस 5.5 किलोमीटर की दूरी को तय करने के लिए परिवहन के अत्याधुनिक साधन प्रस्तावित नहीं हैं। विकल्प के तौर पर सिर्फ निजी वाहन हैं। ग्रेटर नोएडा से एयरपोर्ट तक प्रस्तावित मेट्रो रूट पर फिल्म सिटी के बाद सीधे नोएडा एयरपोर्ट पर स्टॉपेज है। फिल्म सिटी व उसके आस-पास कार्यरत नागरिकों को नोएडा एयरपोर्ट तक आने-जाने में परेशानी होगी। नतीजन फिल्म सिटी और नोएडा एयरपोर्ट के बीच पॉड टैक्सी का प्लान बना है। इसके निर्माण में प्रति किलोमीटर 50 से 60 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस रूट पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्व होने का अनुमान है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) ने इसकी फिजिबिलटी रिपोर्ट और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा भारत सरकार की संस्था इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कारपोरेशन लिमिटेड को सौंपा है। यह संस्था 12 से ज्यादा पोर्ट पर काम कर चुकी है। मुंबई व हैदराबाद में पॉड टैक्सी परियोजना पर काम कर रही है। संस्था एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर देगी। रिपोर्ट में राइडरशिप, अलाइनमेंट, ग्राफिक सर्वे, स्टेशनों का ले-आउट, मेट्रो व हाईस्पीड रेल से कनेक्टीविटी आदि का विवरण होगा। रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश सरकार से मंजूरी लेकर ग्लोबल टेंडर के जरिए इसे बनाने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा। इसे नोएडा एयरपोर्ट के साथ आरंभ करने की योजना पर काम चल रहा है।