यमुना सिटी में पॉड टैक्सी संचालन की तैयारियां तेज औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज सिंह की अध्यक्षता में हुई प्री-बिड मीटिंग

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह द्वारा यमुना सिटी को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने को लेकर खास प्लानिंग की गई है। यमुना सिटी में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ शहरवासियों को हर प्रकार की हाईटेक और मॉर्डन सुविधाएं मिलेंगी। पॉड टैक्सी परियोजना शहर के औद्योगिक सेक्टरों और कॉर्मिशयल सेंटर को आबादी क्षेत्र से जोड़ने का काम करेगा। बुधवार को यमुना प्राधिकरण सभागार में परियोजना को लेकर प्री-बिड मीटिंग हुई। अवस्थापना औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में प्री-बिड मीटिंग में देश विदेश की कई नामी कंपनियों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। यमुना सिटी में पॉड टैक्सी संचालन की प्रक्रिया तेज हो गई है। पिछले सप्ताह यमुना प्राधिकरण द्वारा पीआरटी पॉड टैक्सी परियोजना को लेकर ग्लोबल टेंडर निकाला गया था। बुधवार को यमुना प्राधिकरण सभागार में परियोजना को लेकर प्री-बिड मीटिंग हुई। अवस्थापना औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में प्री-बिड मीटिंग में देश विदेश की कई नामी कंपनियों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कंपनियों के अधिकारी एवं प्रतिनिधि ऑनलाइन एवं ऑफलाइन तरीके से प्री-बिड मीटिंग में शामिल हुए। पीआरटी यूके, एलएंडटी, सिस्ट्रा फ्रांस, अल्ट्रा पीआरटी, सीमेंस, टाटा, आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर, इंटामिन ट्रांसपोर्टेशन, हुंडई, कल्पतरु, इन्वेस्ट इंडिया के प्रतिनिधि मीटिंग में शामिल हुए और कई सवाल पूछे। बैठक में मौजूद यमुना प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह ने सवालों के जवाब दिये। इस दौरान प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, ओएसडी शैलेंद्र सिंह, स्टॉफ ऑफिसर टू सीईओ नंद किशोर सुंदरियाल, जीएम फाइनैंस विशंभर बाबू, सलाहकार संस्था इण्डियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कारपोरेशन लिमिटेड के संजीव महत्रे मौजूद रहे।

ज्ञात हो कि यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह द्वारा यमुना सिटी को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने को लेकर खास प्लानिंग की गई है। यमुना सिटी में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ शहरवासियों को हर प्रकार की हाईटेक और मॉर्डन सुविधाएं मिलेंगी। पॉड टैक्सी परियोजना शहर के औद्योगिक सेक्टरों और कॉर्मिशयल सेंटर को आबादी क्षेत्र से जोड़ने का काम करेगा। प्राधिकरण की योजना है कि वर्ष 2026 तक पॉड टैक्सी का संचालन शुरू कर दिया जाये। पॉड टैक्सी परियोजना यमुना प्राधिकरण के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को वर्ल्ड क्लास सिटी की कैटेगरी में ला देगा। पीपीपी मॉडल पर विकसित होने वाली इस परियोजना में लगभग साढ़े 14 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा और शहर के विभिन्न औद्योगिक सेक्टरों में 12 स्टेशन बनाए जाएंगे परियोजना पर लगभग 642 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। बुधवार को हुई मीटिंग में इसी परियोजना को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई।

निवेशक कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा कई सवाल पूछे गये जैसे ग्रांट की स्थिति, प्रोफिटबिलिटी व प्रॉफिट शेयरिंग को लेकर उनके सवाल अधिक थे। कुछ कंपनियों द्वारा बिडिंग के लिये टाइम एक्सटेंशन दिये जाने की मांग भी की गई। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह द्वारा मीटिंग में उपस्थित सभी प्रोस्पेक्टिव विडर्स का धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा उनके द्वारा उठाये गये बिंदुओं पर विचार करने का आश्वासन दिया गया। पीपीपी मोड पर बनने वाली इस परियोजना की कन्सेशन अवधि 35 वर्ष की होगी।

मेडिकल डिवाइस पार्क के भूखंडों का हुआ ड्रा


यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की मेडिकल डिवाइसेस पार्क योजना 2023 के अंतर्गत कुल 49 भूखण्डों के सापेक्ष प्राप्त 22 ऐप्लिकेशन में से टारगेट सेगमेंट की अहर्ताएं पूर्ण करने वाली आठ कंपनियों के मध्य आवंटन हेतु ड्रॉ किया गया। यह ड्रॉ 4000 वर्गमीटर से कम अकार के भूखंडों का था। ड्रॉ में 2100 वर्ग मीटर के 7 तथा 1000 वर्ग मीटर के एक भूखंड को सम्मिलित किया गया। इसमें भाग लेने वाली कंपनियां वेलडन बायोटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सनमैक्स इलेक्ट्रॉनिक्स, जीआरबाईआर सर्जिकल सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड, पैरामाउंट सरजीमेड लिमिटेड, यशिका इनफोटोनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, ऐक्यूर मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड तथा मेडीट्रिक्स व डायसीज डाइग्नोस्टिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को ड्रॉ के माध्यम से भूखंडों का आवंटन किया गया। बुधवार को हुए ड्रॉ से प्राधिकरण के मेडिकल डिवाइस पार्क में करीब 40 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट प्राप्त होगा। सफल आवंटियों को आवंटन पत्र 02 दिन में प्रेषित कर दिये जाएंगे। 4000 वर्ग मीटर से अधिक के भूखंडों का आवंटन साक्षात्कार के माध्यम से बाद में किया जायेगा। प्राधिकरण की मेडिकल डिवाइसेज पार्क योजना के अन्तर्गत अभी तक कुल 70 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है। साईट पर प्राधिकरण द्वारा एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, कॉमन साइंटिफिक फैसिलिटी बिल्डिंग का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है।