यमुना प्राधिकरण ने हजारों आवंटियों को दिया होली गिफ्ट रजिस्ट्री और निर्माण में देरी होने पर अब नहीं लगेगा साल

भर का जुर्माना प्रॉपर्टी ट्रांसफर के नियम भी हुए आसान

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन खरीदने वालों को प्राधिकरण ने होली गिफ्ट के रूप में बड़ी सहूलियत प्रदान की है। अब आवंटियों से जुर्माना सालाना के बजाय मासिक आधार पर वसूला जाएगा। अभी तक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री और भवन निर्माण में चंद दिनों की देरी होने पर भी आंवटी से पूरे साल का शुल्क एवं जुर्माना प्राधिकरण द्वारा वसूल किया जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह द्वारा आवंटियों के हित को प्राथमिकता देते हुए वार्षिक के बजाय मासिक आधार पर जुर्माना निर्धारित करने का नियम बनाया गया है। यह नियम 1 अप्रैल से लागू होगा। जुर्माना कम करने के साथ ही सीईओ ने प्रॉपर्टी ट्रांसफर के नियम को भी आसान बनाया है। लोगों को प्रॉपर्टी ट्रांसफर के लिए कार्यालय के कम से कम चक्कर लगाना पड़े और उन्हें कोई परेशानी ना हो इसको ध्यान में रखते हुए नया नियम लागू किया गया है।
विभिन्न विकास प्राधिकरणों में तय समय पर रजिस्ट्री नहीं कराने पर जुमार्ना लगाया जाता है। संपत्ति की रजिस्ट्री के बाद निर्माण करने का समय तय होता है। अगर तय समय पर निर्माण नहीं कराया जाता है या फिर निर्माण कार्य के लिए समय बढ़वाने पर भी जुमार्ना वसूल किया जाता है। नियम के मुताबिक निर्धारित अवधि से 5 से 10 दिन अधिक होने पर भी लोगों को पूरे एक वर्ष का जुमार्ना देना पड़ता है। लेकिन अब यमुना प्राधिकरण में ऐसा नहीं होगा। वर्षिक के बजाय मासिक आधार पर ही जुर्माना लगेगा। नियम है कि संपत्ति की रजिस्ट्री में देर होने पर पहले साल आवंटन राशि का एक प्रतिशत जुमार्ना लिया जाता है। यह जुमार्ना हर साल एक प्रतिशत बढ़ता जाता है। अगर आप निर्माण कार्य का समय बढ़वाना चाहते हैं तो आपको आंवटन राशि का चार प्रतिशत हर वर्ष जुमार्ना देना पड़ेगा। यमुना प्राधिकरण ने इस नियम में बदलाव किया है। प्राधिकरण अब साल के हिसाब से नहीं बल्कि महीने के आधार पर जुमार्ना लगाएगा। यमुना प्राधिकरण के इस नियम से 30,000 से अधिक आवंटियों को फायदा मिलेगा।

बिना केवाईए होंगे प्रॉपर्टी ट्रांसफर

प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराने से पहले यमुना प्राधिकरण में आवंटी को पहले केवाईए (नो योर अलाटी) कराना पड़ता है। कवाई के जरिए आवंटी का वेरिफिकेशन होता है। कई बार ऐसी शिकायतें मिलती है कि प्रॉपर्टी ट्रांसफर से पहले कवाईए प्रक्रिया के नाम पर आवंटियों को परेशान किया जाता है। ऐसे में लोगों को कोई परेशानी ना हो इस नियम को बदला गया है। अब लोग बिना केवाईए के प्रॉपर्टी ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

बिना आधार कार्ड भी होंगे प्रॉपर्टी ट्रांसफर
यमुना प्राधिकरण ने एनआरआई को भी बड़ी सहूलियत प्रदान की है। एनआरआई के बाद आधार कार्ड नहीं होते हैं। ऐसे में उन्हें प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एनआरआई आवंटियों की इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए नया नियम बनाया गया है। जिसके मुताबिक एनआरआई आवंटी ओवरसीज नंबर और सोशल सिक्योरिटी नंबर देकर प्रॉपर्टी ट्रांसफर करा सकेंगे।