यमुना प्राधिकरण को एक और मुश्किल का मिला आसान हल, इंफ्रा बॉन्ड पर शुरू हो सकेगा काम

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की एक और बड़ी मुश्किल हल होने जा रही है। यमुना प्राधिकरण को प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए पैसों की जरूरत है। इंफ्रा बॉन्ड के जरिए पैसे का इंतजाम किया जाना है। इस काम के लिए सलाहकार कंपनी की खोजबीन चल रही है। सलाहकार कंपनी को फाइनल करने में अब ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। दरअसल केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने पीपीपी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए वित्तीय सलाहकार के रूप में 12 कंपनियों का पैनल बनाया है। इनमें से एक कंपनी का चयन यमुना प्राधिकरण करेगा।

 

चयनित कंपनी इंफ्रा बॉन्ड निकालने की जिम्मेदारी संभालेगी। यमुना प्राधिकरण अपनी परियोजनाओं के लिए पैसा जुटाने की कवायद में जुटा है। इसके लिए इंफ्रा बांड निकालेगा। इसके लिए सलाहकार कंपनी का चयन किया जाएगा। कंपनी के चयन के लिए पहले आरएफपी निकाली गई थी। लेकिन तकनीकी कारणों से रदृ कर दी गई। अब प्राधिकरण के लिए कंपनी का चयन करना आसान हो गया है। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने पीपीपी परियाजनाओं को पूरा करने के लिए वित्तीय सलाहकार के रूप में पैनल बनाया है। इसमें 12 कंपनियां पैनल में शामिल हो गई हैं।

इसमें रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकनामिक सर्विस लिमिटेड, टंडन अर्बन साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड,अल्मोडस ग्लोबल सिक्योरिटी लिमिटेड, अर्नेस्ट एंड यंग, फीडबैक इंफ्रा, डाराशा एंड कंपनी, क्रिसिल, डेलाइट, आईडेक, केपीएमजी, मजरास एडवाइजरी व पीडब्लूसी शामिल है। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि जल्द वित्त मंत्रालय के पैनल में शामिल संस्थाओं में से एक का चयन कर लिया जाएगा। इन कंपनियों का प्रजेंटेशन देखा जाएगा। उपयुक्त कंपनी का चयन किया जाएगा। चयनित कंपनी इंफ्रा बॉन्ड निकालेगी। यमुना प्राधिकरण की अगली बोर्ड बैठक में इस संदर्भ में प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रस्ताव पारित होने पर यह कार्य जल्द शुरू हो सकेगा। इंफ्रा बांड के जरिए पैसा जुटाकर प्रोजेक्ट्स को पूर्ण किया जाएगा।