यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक आवंटियों से लेकर होम बायर्स और किसानों तक सभी के लिए रहेगी खास

 13 सितंबर को होगी प्राधिकरण की बोर्ड बैठक रखे जाएंगे कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव, हजारों होम बायर्स के लिए फ्लैट की रजिस्ट्री का रास्ता होगा साफ

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। अगले सप्ताह बुधवार को होने वाली यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक आवंटियों और किसानों से लेकर होम बायर्स और बिल्डरों के लिए भी खास रहेगी। प्राधिकरण द्वारा बैठक से पूर्व बोर्ड के समक्ष रखे जाने वाले प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 13 सितंबर को होने वाली बैठक में ग्रुप हाउसिंग स्कीम में बदलाव और शिफ्टिंग व लीज बैक के प्रस्ताव रखे जाएंगे। इससे किसानों के मामले सुलझ जाएंगे। साथ ही शिफ्टिंग से रुकी हुई परियोजनाएं शुरू हो सकेंगी। यमुना प्राधिकरण की बीएचएस-4 और बीएचएस-5 के आवंटियों को राहत देने वाला एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी बैठक में रखा जाएगा। इन दोनों स्कीम के लगभग 1650 आवंटियों को ब्याज और जुर्माने में छूट दी जाएगी। इंडस्ट्रियल और इंस्टीट्यूशन स्कीम के तहत भूखंड आवंटन के इंटरव्यू से संबंधित प्रस्ताव, सुरक्षा काम मामला, ओटीएस स्कीम, पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी विभेद से संबंधित प्रस्ताव, घरौनी और ई लाइब्रेरी से संबंधित प्रस्ताव, हैरिटेज सिटी, रूरल हैरिटेज और रूरल टूरिज्म, ग्रुप हाउसिंग आवंटन स्कीम की शर्तों में बदलाव सहित कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा निर्णय लिया जाएगा।

बोर्ड बैठक में 150 बेड का ओल्ड ऐज होम बनाने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा।

ईडब्ल्यूएस स्कीम के तहत पूर्व में भूखंड पाने वाले लोगों का प्राधिकरण की आवासीय स्कीम में आवेदन करने का मौका मिले। इससे संबंधित प्रस्ताव भी बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। इससे करीब 5500 लोगों को फायदा होगा। गौतमबुद्ध नगर और आगरा की दो गौशाला का अधिग्रहण का भी प्रस्ताव में बोर्ड में आएगा। पहली बार बिल्डरों के लिए ओटीएस स्कीम लाया जा रहा है। लेकिन ओटीएस स्कीम को इस तरह बनाया गया है जिससे कि लाभ बिल्डर्स को नहीं बल्कि होम बायर्स को मिले। बिल्डर को ओटीएस स्कीम के तहत जो छूट मिलेगी उसे हाउसिंग सोसाइटी के होम बायर्स को उसी अनुपात में लाभ देना होगा। प्राधिकरण अपने पास इसका पूरा रिकॉर्ड रखेगा। प्राधिकरण के इस प्रस्ताव से हजारों होम बायर्स अपने फ्लैट की रजिस्ट्री करवा सकेंगे। कई जगह किसानों की आबादी परियोजनाओं के बीच फंसी है। ऐसी जमीन की शिफ्टिंग की जाएगी। शिफ्टिंग के 88 केस हैं। आबादी इस जमीन को गांव की पेरीफेरी के अंदर शिफ्ट किया जाएगा। इससे प्राधिकरण की अटकी परियोजनाओं को पूरा किया जा सकेगा।