नहीं डिगा भरोसा : नाओमी ओसाका ने जीता खिताब

-अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट में महिला खिलाड़ी का कमाल

न्यूयॉर्क। अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट में नाओमी ओसाका ने बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका को पराजित कर महिला एकल खिताब कब्जा लिया है। ओसाका ने एक सेट से पिछडऩे के बाद शानदार ढंग से वापसी की। इसके बाद वह खिताबी जीत दर्ज करने में कामयाब हो गईं। इस प्रदर्शन के साथ ओसाका ने दूसरा अमेरिकी ओपन और तीसरा ग्रैंडस्लैम खिताब जीता है। उन्होंने शानदार खेल के जरिए दर्शकों का दिल भी जीता। जापानी टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका ने प्रतिद्वंदी विक्टोरिया अजारेंका को 3 सेट में हराया। उन्होंने अजारेंका के खिलाफ 1-6, 6-3 और 6-3 के साथ जीत हांसिल की। पहला सेट गंवाने के बाद दूसरे सेट में एक ब्रेक से पिछड़ जाने के बाद भी ओसाका का आत्मविश्वास नहीं डिगा। महिला एकल का खिताब जीतने के बाद टेनिस प्लेयर नाओमी ओसाका ने कहा कि मैंने सोचा कि एक घंटे के भीतर मैच गंवा देना काफी शर्मनाक होगा। मैंने सोचा मुझे जितना संभव हो उतना कड़ा प्रयास कर अपने रवैये में सुधार करना होगा। ओसाका के लिए यह सकारात्मक सोच काम कर गई। उन्होंने जोरदार वापसी कर खिताब अपने नाम कर लिया।। अमेरिकी ओपन में ढाई दशक बाद यह पहला अवसर है जब किसी महिला खिलाड़ी ने फाइनल में पहला सेट गंवाने के बाद खिताबी जीत पाई है। इससे पहले 1994 में अरांत्जा सांचेज विकारियो ने स्टेफी ग्राफ के खिलाफ यह कारनामा किया था। जापानी खिलाड़ी ओसाका ने कहा कि मैं जीतने के बारे में नहीं सोच रही थी। मैं सिर्फ प्रतिस्पर्धा पेश करने के विषय में सोच रही थी। किसी तरह मैं ट्रॉफी जीतने में सफल रही। 22 साल की ओसाका जापान में जन्मी हैं, मगर 3 साल की उम्र में वह अमेरिका आ गई थीं। कैलीफोर्निया निवासी ओसाका अमेरिकी ओपन में खिताब जीतने के अलावा नस्ली भेदभाव के खिलाफ आवाज बनने के इरादे से आईं थी।