पहला सत्याग्रही नाटक का सफलतापूर्वक मंचन

धूमधाम से मनाया गया महिला महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव

नई दिल्ली। श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय की थियेटर सोसाइटी नवरंग द्वारा पहला सत्याग्रही नाटक का सफलतापूर्वक मंचन किया गया। समर्थ द थियेटर गुप के संस्थापक संदीप रावत के निर्देशन में रवींद्र त्रिपाठी द्वारा लिखित पहला सत्याग्रही गांधीजी के जीवन और विचार को बहुत मामिकता से दृश्यांकित करता है। उसे देखना एक गहरा भावनात्मक अनुभव है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) रमेश चंद्र गौर और विशिष्ट अतिथि रवींद्र त्रिपाठी रहे।नाटक में गांधी द्वारा अपनी वेषभूषा को उतारना, प्रत्येक चीज़ को पहले अपनी खुद की जिंदगी में अमल करना, दुदा भाई का छुआ पानी पीकर छोटी जाति के साथ किए गए भेदभाव का विरोध करना, सबसे आश्चर्य की बात कस्तूरबा को पाखाना साफ करने के लिए बोलना, मीर आलम जैसे मनुष्य का हित सोचना, अतिंम दृश्य में युवा और वृद्ध गांधी के बीच में संवाद जैसे कई दृश्य बहुत प्रभावशाली और सिधानतवादी लिए हुए हैं। इस नाटक में कई नए महान लोगों का प्रचार है। जैसे प्यारेलाल, महादेव भाई देसाई, सोनिया शलेषिन, रेवरेंड जोसेफ के. डोक, हरमेन केलिनबाख आदि जो कि कई लोगों की नजऱों से दूर हैं। जिसकी वजह से यह अभिनय अति सुंदर हो गया। इतने खूब तरीके से भजनों को प्रकट करने से नाटक की शोभा ही बढ गई। खामियों वाला एक आम आदमी, जिसने अपने कई वर्षों के काम और जरूरतमंद लोगों के प्रति समर्पण के माध्यम से ‘महात्मा की उपाधि प्राप्त की। यह नाटक उनकी यात्रा और उस नाबालिग लेकिन बहुत महत्वपूर्ण पात्रों की यात्रा को खूबसूरती से दिखाता है, जिनका नाम इतिहास के पन्नों में दब गया है।

गांधी सिर्फ एक नाम नहीं, एक विचार है और उनका जीवन ही एक संदेश है। नवरंग टीम ने अपनी प्रिंसिपल प्रोफेसर साधना शर्मा के सहयोग और प्रोत्साहन से 2 घंटे के नाटक को एक महीने से भी कम समय में तैयार करने के लिए बहुत कुशलता से काम किया। वे लेखक रवींद्र त्रिपाठी के साथ एक सत्र के लिए आभारी थे, जिन्होंने उन्हें नाटक के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद की।

वार्षिकोत्सव का आयोजन
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला महाविद्यालय में 53वाँ वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. श्रीनिवासा वाराखेड़ी, कुलपति, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता, दिल्ली विश्वविद्यालय, सारस्वत अतिथि के रूप में आतिशी सिंह, विधायक, दिल्ली एवं अध्यक्ष शासी निकाय नरेंद्र कुमार सोनी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई। साथ ही संगीत विभाग की छात्राओं एवं‘थिरकन’ समिति के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात प्राचार्या प्रो. साधना शर्मा, संयोजिका डॉ. निशा अरोड़ा एवं सह संयोजिका डॉ. नीलम गोयल द्वारा सभी अतिथियों का स्मृति चिन्ह एवं पौधा देकर स्वागत किया गया। अतिथियों के द्वारा इस अवसर पर महाविद्यालय की शोध पत्रिका का विमोचन भी किया गया।