राम कथा में श्रीराम विवाह प्रसंग पर झूमे श्रद्धालु

गाजियाबाद। राजनगर स्थित शुक्रवार को दशहरा पर्व के उपलक्ष्य में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। कथा वाचक सूरसैन बृजवासी ने राम विवाह के प्रसंग के साथ कथा की शुरूआत की। विवाह गीत पर समूचा पंडाल झूम उठा। पुष्पवर्षा, आरती व मंगल स्तुति से भक्तों ने प्रभु की आराधना की। श्री रामलीला समिति राजनगर के पदाधिकारियों ने कोरोना कोरोना से बचाव के सभी इंतजाम किए। कथा वाचक सूरसैन बृजवासी ने राम कथा सुनाते हुए कहा कि वन गमन करते समय ऋषि विश्वामित्र को राजा जनक द्वारा भेजी हुई कुमकुम पत्रिका मिलती है और विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के साथ जनकपुरी में राजकुमारी सीता के स्वंयवर में पहुंचते है।

राम सीता की प्रथम भेंट एक पुष्पवाटिका में होती है जहां सीता अपनी सखियों सहित गौरी पूजन के लिए पुष्प तोडती है। जैसे ही माता सीता श्री राम को देखती है तो अपनी दोनों आंखें बंद कर लेती है। सीता स्वयंवर में रखी गई शर्त के अनुसार सभी राजा शिव धनुष पर कोई भी राजा प्रत्यंचा नहीं चढा पाया। भगवान राम जी ने धनुषवाण को तोड़ा तथा इसी शर्त पर सीता माता की शादी भगवान राम जी से हुई। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवता फूलों की वर्षा करने लगे। महोत्सव के दौरान राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाए। इस दौराना समिति के अध्यक्ष जयकुमार गुप्ता,सचिव आरएन पाण्डेय, कोषाध्यक्ष राजीव मोहन गुप्ता, विनित वर्मा, जीपी अग्रवाल, ब्रजमोहन सिंघल, रेखा अग्रवाल, राजा वर्मा, बीके अग्रवाल, बीके गुप्ता, आरसी शर्मा, दीपक सिंघल, विनोद गोयल, उषा रानी, अनीता रानी, केके त्यागी, जगजीत कुमार आदि लोग मौजूद रहे।