मायो इंस्टीट्यूट की मनमानी के खिलाफ एमबीबीएस के विद्यार्थियों की बगावत, जमकर हंगामा

लखनऊ। मायो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बाराबंकी के मैनेजमेंट के खिलाफ शनिवार को एमबीबीएस विद्यार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। मैनेजमेंट की मनमानी के विरोध में छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के बाहर धरना-प्रदर्शन कर जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने मैनेजमेंट पर मनमानी करने, बेवजह जुर्माना लगाने और शिकायतों को अनसुना करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए। विरोध-प्रदर्शन के चलते कई घंटे तक अफरा-तफरी का आलम रहा। उधर, कॉलेज मैनेजमेंट में खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

मायो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बाराबंकी में मैनेजमेंट और विद्यार्थियों में ठन गई है। एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने रविवार को विरोध का बिगुल फूंक दिया। मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाकर विद्यार्थियों ने कॉलेज गेट के बाहर धरना-प्रदर्शन कर हंगामा किया। छात्र-छात्राओं ने कहा कि मैनेजमेंट द्वारा मनमाना रवैया अख्तियार किया जा रहा है। जरा-जरा सी बातों पर फाइन लगा दिया जाता है। क्लास रूम में पढ़ाने के लिए प्रोफेसर आते नहीं हैं। यदि उन्हें फोन किया जाए तो फाइन भरना पड़ता है। 4 से 5 लाख रुपए का फाइन लगाना नाइंसाफी है।

छात्रों का कहना है कि कॉलेज चेयरमैन मधुरिका सिंह से इस संबंध में निरंतर शिकायत की जा रही है, मगर वह कोई सुनवाई नहीं कर रही हैं। मैनेजमेंट से शिकायत करने पर भी छात्रों को फाइन भरना पड़ता है। इंटरशिप के नाम पर महज खानापूर्ति कराई जा रही है। छात्रों ने मैनेजमेंट पर मानसिक एवं आर्थिक उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट के तानाशाही पूर्ण रवैया से परेशान होकर उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। छात्रों ने कहा कि समस्याओं का निदान न होने पर उन्हें आंदोलन तेज करना पड़ेगा। प्रदर्शनकारी छात्रों ने जिला प्रशासन से भी इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई करने की अपील की है।

उधर, मायो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की चेयरमैन मधुरिका सिंह ने कहा कि छात्रों ने मैनेजमेंट पर अनगर्ल आरोप लगाए हैं। विरोध-प्रदर्शन में इंटरशिप के छात्र शामिल हैं। कॉलेज के 25 मेधावी छात्रों ने प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज के नियम-कानूनों को कुछ छात्र मानने को तैयारी नहीं है। छात्रों को फ्रीडम चाहिए। उन्हें पाबंदियां पसंद नहीं हैं। संंस्थान का मकसद विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देना उपलब्ध कराना है।