कोल्हू की चिमनी से निकाल रहा धुंआ वायु कर रहा है प्रदूषित

क्षेत्र में दर्जनों से अधिक कोल्हू के शुरू होने के बाद निकाल रहा है काला धुंआ
-एनजीटी के आदेशों की खुलेआम उड़ रही है धज्जियां

उदय भूमि ब्यूरो
गढ़मुक्तेश्वर।
क्षेत्र में अलग अलग स्थानों पर खोले गए कोल्हू की चिमली से निकल रहे प्रदूषित धुंआ यहां की वायु को भी प्रदूषित कर रहे है। प्रदूषित वायु से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद उसके स्थानीय प्रशासन जानकर भी अंजान बने है। एनजीटी के आदेश के बाद गाजियाबाद, दिल्ली और एनसीआर में फैले प्रदूषण को कम करने के लिए कवायद की जा रही है। लेकिन क्षेत्र में बड़ी संख्या में संचालित कोल्हू भी वायु प्रदूषण फैला रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि कुछ कोल्हू में ईंधन के तौर पर पुराने टायरों का इस्तेमाल किया जाता है, इसका जहरीला धुआं ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। गढ़, बहादुरगढ़, सिंभावली में लगभग एक सौ से अधिक गन्ना कोल्हू वर्तमान समय में चल रहे हैं। इनकी चिमनियों से निकलने वाले धुएं से क्षेत्र में दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ रहा है। गन्ना कोल्हू होने के कारण यहां पर सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है। एनजीटी ने आदेश जारी किए हैं, लेकिन कोल्हू पर सब बेअसर है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। ग्रामीण मनोज, ओमवीर सिंह, सोनू, दीपक, बब्लू आदि ने बताया कि क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। एनजीटी ने क्षेत्र में वायु प्रदूषण फैला रहे कोल्हू पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। कोल्हू में ईंधन के लिए खोई या सूखी पत्तियां जलाई जाती है, लेकिन ईंधन की खपत अधिक होने के कारण कोल्हू में पुराने टायर भी झोंक दिए जाते हैं। इससे अधिक वायु प्रदूषण फैलता है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी विजय वर्धन तोमर ने बताया कि वातावरण का प्रदूषित करने वाले कोल्हू की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।