सरकारी नौकरी के नाम पर 500 करोड़ का खेल, 200 बेरोजगार छात्रों से ठगी

-यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं हरियाणा, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, झारखंड के बेरोजगारों पर रखते थे नजर, दो शातिर ठग गिरफ्तार

गाजियाबाद। बेरोजगार छात्रों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के दो शातिर ठगों को साइबर सैल व नंदग्राम पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। वहीं फरार गिरोह का सरगना की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है, जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पकड़े गए आरोपित पिछले करीब 6 सालों से ठगी का कारोबार कर रहे थे। जो कि 200 से अधिक छात्रों से 5 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके है। बेरोजगार छात्रों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर पहले फार्म भराने से लेकर जोइंनिग लेटर देने तक चार से पांच स्टेप में रुपए लिया करते थे। उन्हें शक न हो इसलिए फर्जी आईडी एवं प्राइवेट कोचिंग व ट्रेनिंग सेंटरों में ट्रेनिंग भी दिलवाते थे।
आरोपी पुलिस बचने के लिए एनसीआर में रहकर बाहरी राज्यों के छात्रों को अपना निशाना बनाते थे।

साइबर सैल नोडल अधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि गत 27 जून को त्रिपुरा निवासी सिजोए व उनके अन्य साथी द्वारा साइबर सैल को लिखित शिकायत मिली थी। जहां पीडि़त व उसके साथी से इनकम टैक्स इंस्पेक्टर बनाने के नाम पर राजनगर एक्सटेंशन वीवीआईपी मॉल के पास 15 लाख रुपए ठगों ने लिए थे। जिसकी एवज में ठगों ने उन्हें फर्जी (इनकम टैक्स इंस्पेक्टर) आई कार्ड, एक माह की कम्पयूटर टै्रंनिग कराना के लिए पत्र दिया था। पीडि़त की शिकायत पर साइबर सैल,जांच सर्विलांस, लोकल इंटेलिजेंस एवं नंदग्राम पुलिस की संयुक्त टीम ने बुधवार देर रात राजनगर एक्सटेंशन से बीए पास दीपक चौधरी पुत्र मुनीश चौधरी निवासी छपरावत बुंलदशहर, एमबीए पास विकास त्यागी पुत्र सतेन्द्र त्यागी निवासी खुर्मपुर मुरादनगर को गिरफ्तार किया गया। जिनके पास से तीन मोबाइल, सरकारी नौकरी दिलाने के फर्जी दस्तावेज बरामद किए गये। उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी अपने फरार साथियों के सज्ञथ मिलकर फर्जी नाम व पते पर बैंक में खाता खुलवाते थे। बेरोजगार छात्रों से सरकारी नौकरी दिलाने की एवज में चार से पांच स्टेप में मोटी रकम वसूल करते थे। आरोपी पिछले करीब 6 सालों से ठगी का कारोबार कर रहे है, जो कि 200 से अधिक छात्रों से 5 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके है। बेरोजगार छात्रों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर फार्म भराने से लेकर जोइंनिग लेटर देने तक चार से पांच स्टेप में रुपए लिया करते थे। उन्हें शक न हो इसलिए फर्जी आईडी एवं प्राइवेट कोचिंग व ट्रेनिंग सेंटरों में ट्रेनिंग भी दिलवाते थे।

साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपी बेरोजगार छात्रों को झांसे में लेने के लिए दिल्ली के यमुना विहार में 1 से 3 माह की ट्रेनिंग भी दिलवाते थे। उनसे रकम ऐंठने के बाद मोबाइल नंबर बंद कर देते थे। आरोपी दिल्ली-यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं हरियाणा, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत विभिन्न राज्यों के छात्रों को अपना निशाना बना चुके है। गिरोह का मुखिया शोवित वर्मा उर्फ रोहित उर्फ देवेन्द्र है, जो कि फरार है। गिरोह का मुखिया ने तीन राज्यों के फर्जी आधार कार्ड बनाया हुआ है। जिसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।