दिन के उजाले में ठेली व फेरी वाला बनकर बंद मकानों की रैकी कर रात को बनाते थे निशाना

सुनार समेत तीन शातिर चोर गिरफ्तार, दो लाख 81 हजार समेत चोरी का माल बरामद

गाजियाबाद। ठेली व फेरी लगाने के नाम पर पॉश कॉलोनियों में घूम-घूमकर रैकी कर चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के ज्वैलर्स समेत तीन शातिर चोरों को लिंक रोड़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गये आरोपित घर के बाहर पड़े न्यूज पेपर से भांप लेते थे कि घर बंद है और चिन्हित कर रात के अंधेरे में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। गिरोह में शामिल सुनार चोरी के माल को खपाने में मदद करता था।
घटना का खुलासा करते हुए शुक्रवार को लिंक रोड़ थाना में पे्रसवार्ता के दौरान सीओ साहिबाबाद आलोक दुबे ने बताया कि 24/25 जनवरी की रात को एक बंद मकान में चोरी की वारदात को आरोपियों ने अंजाम दिया था। देर रात लिंक रोड़ एसएचओ शैलेन्द्र प्रताप सिंह, एसआई बौबी कुमार, मुनेश सिंह की टीम ने मुखबिर की सूचना पर शहीद नगर जयपाल चौक के पास से चोरी की फिराक में घूम रहे राशिद पुत्र अय्यूब, शाहिद अली उर्फ बन्डल पुत्र निजामुद्दीन निवासी शहीदनगर जयपाल चौैक और सुनार नरेश कुमार पुत्र सौराज सिंह निवासी उटरावली बुलंदशहर (ऋषभ ज्वेलर्स) को गिरफ्तार किया है। जिनकी निशानदेही पर चोरी का चांदी का 1250 ग्राम टुकड़ा, दो लाख 81 हजार रूपए, इन्वर्टर, बैट्री, सैट अप बॉक्स, एलईडी, दो मोबाइल फोल, बाइक, 55 लिफाफे, पेंडल मंगल सूत्र, अंगूठी, पाजेब बरामद किया गया। गिरोह के दो साथी आस मौहम्मद पुत्र असील निवासी रजपुरा सम्भल, विनोद टंज ज्वेलर्स फरार है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही हैै। सीओ साहिबाबाद ने बताया 24/25 जनवरी की रात को रामप्रस्था कॉलोनी के एक बंद मकान से 1 किलो 400 ग्राम चांदी, नगद व रूपए शादी में मिले बंद लिफाफे समेत 5 लाख रूपए चोरी किए थे। बाद में नरेश कुमार से 10.38 लाख रुपये में गहने बेचे थे। ज्वेलरी एवं रूपए को आपस में बांट लिया था। 9 फरवरी को फिर वापस गाजियाबाद आ गये। जिसके बाद चोरी के रूपए से मोबाइल, बाइक, इंंवर्टर, बैट्री और एलईडी खरीद लिया। उन्होने बताया आरोपियों ने 8 नवंबर 2020 को भी साहिबाबाद क्षेत्र के बंद मकान में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। एसएचओ शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपित दिन के उजाले में ठेली व फेरी वाला बनकर पॉश कॉलोनियों में बंद मकानों की रैकी करते है। बंद मकान को चिन्हित कर रात के अंधेरे में चोरी की वारदात को अंजाम देते है। आरोपी पूर्व में भी जेल जा चुके है। जेल से छूटने के बाद फिर से चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। घटना को अंजाम देने के बाद कुछ दिन के लिए दुसरे जिले में जाकर रहने लगते थे। जिसके कुछ दिन बाद फिर से घटना को अंजाम देने की फिराक में रैकी शुरू कर देते थे। रात भी किसी वारदात को अंजाम देने के इरादे से घूम रहे थे। सुनार चोरी का माल खपाने के साथ चोरी की वारदातों में साथ देता था।