फेसबुक मैंसेजर के जरिए बिहार, महाराष्ट्र, असम, नेपाल, उत्तर प्रदेश के सुनारों को बनाते थे निशाना

-सुनार की दुकान में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले चार अंतर्राज्जीय चोर गिरफ्तार
– ढाई किलो चांदी के आभूषण, 3700 रूपए एवं अवैध हथियार बरामद
-चिन्हित दुकान के आसपास लेते थे किराए पर मकान एवं दुकान

गाजियाबाद। बिहार, महाराष्ट्र, असम, नेपाल, उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में सुनार की दुकान की रैकी कर चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले अंतर्राज्जीय गरोह के चार शातिर चोरों को साहिबाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने चोरी के ढाई किलो चांदी के आभूषण, 3700 रूपए एवं अवैध हथियार बरामद किया गया। पकड़े गये आरोपित बहुत शातिर है। जो कि बहार, महाराष्ट्र, असम, उत्तर प्रदेश में सुनार ही इनके निशाने पर रहते थे। साथ ही चोरी की वारदात से पूर्व पहले दुकान की अच्छी तरह रैकी करते थे। फिर दुकान के आसपास ही घर या फिर दुकान, गोदाम को किराए पर लेते थे। पुलिस को शक न हो इसके लिए दुकान और गोदाम पर कुछ कारोबार शुरू कर देते थे। मौका पर चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद दुकान आरोपित जनपद छोड़कर फरार हो जाते थे। पकड़े गये आरोपित सौ से अधिक वारदात को अंजाम देते हुए अब तक करोड़ो रूपए की चोरी की वारदात कर चुके है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस तलाश में जुटी हुई थी। गिरोह के दो-तीन साथी अभी फरार है।

ज्ञानेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय

शनिवार को दो माह पूर्व साहिबाबाद में हुई लाखों की चोरी का खुलासा करते हुए एसपी सिटी द्वितीय ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह ने सीओ साहिबाबाद अभीजीत आर शंकर की मौजूदगी में बताया कि साहिबाबाद एसएचओ नागेन्द्र चौबे, रवि बालियान, रामवीर सिंह की टीम ने शुक्रवार देर रात मोहन नगर चौराहे से भीम महाबहादुर जोरा पुत्र महाबहादुर जोरा निवसी ओम साई चाल बदलापुर गांव अंबरनाथ मांगरूठैठाणे महाराष्ट्र, मौहम्मद कमरूद्दीन शेख पुत्र आसूद्दीन शेख निवासी टोला पश्चिमी उक्वा दियारा उधुआं दिअर झारखण्ड, इख्तार हुसैन पुत्र बहारूल इस्लाम निवासी गांव दौलागुरी पत्थर सोनितपुर असम, किरन कुमार पुत्र गंगा कुमार कुमाल निवासी बाबू जगजीवन रामनगर डंम्पिंग मुलुन्द वेस्ट मुम्बई को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से दो किलो 440 ग्राम चांदी के अभूषण, 3700 रूपए, दो तंमचा, तीन कारतूस बरामद किया गया। उन्होंने बताया पकड़े गये आरोपित अंतर्राज्जीय चोर है। जो एक साथ मिलकर अलग-अलग जगहों पर जाकर सुनार की दुकान की रैकी करते थे। वहीं बराबर में आसानी से रहने व चोरी करने के लिए अन्य जगह भी मिल जाए। भीम महाबहादुर उर्फ जोरा और राशिद ने शालीमार गार्र्डन में लीला ज्वैलर्स की दुकान को दिल्ली-गाजियाबाद के बोर्डर पर देखा था और उन्ही दोनो ने लीला ज्वैलर्स के बराबर वाले गोदाम को धमेन्द्र नाम के व्यक्ति से 35 हजार रूपए महीने पर किराए पर लिया था। जहां उन्होंने फर्नीचर का काम करने के लिए धर्मेन्द्र से किराए पर लिया था। दिखावे के लिए आरोपियों ने गोदाम में कुछ फर्नीचर का सामान भी लाकर रख दिया, जिससे पुलिस और अन्य लोगों को उन पर शक न हो। जिसके बाद वहीं से उसकी दुकान की रैकी करने लगे थे।

दिवाली पर सोने-चांदी की खरीददारी अधिक होती है। इसलिए दुकान में भी ज्वैलरी अधिक थी। धनतेरस से एक दिन पहले ही रात को भीम महाबहादुर जोरा, मनीरूल, खडक सिंह नेपाली, राशिद के साथ मिलकर किराए पर लिए गोदाम के पीछे की दीवार जो सुनार की दुकान के पीछे से कनेक्टिड थी, उस दीवार को बारी से सुराग कर दुकान में जाकर गैस कटर की मदद से तिजोरी काटकर करीब 6 किलो चांदी के जेवर, डेढ किलो गहने सोने के समझकर चोरी किए थे। मगर बाद में चेक किया तो गहने आर्टिफिशल होने के कारण उक्त गहने को नाले में फैंक दिया था। चोरी के दौरान दुकान में 12 हजार रूपए मिले थे। जो दुकान के अंदर ही आरोपियों ने बांट लिए थे। चोरी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर, कटर, पेचकस को वहीं मौके पर छोड़कर फरार हो गये थे। जिसके बाद आरोपित आपस में फैसबुक मैसेंजर के माध्यम से काल करते थे और घटना करने वाले स्थान व फोटो एवं लोकेशन शेयर कर एकत्रित हो जाते थे। बिहार, महाराष्ट्र, असम, नेपाल, उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में सुनार की दुकान की रैकी कर सौ से अधिक चोरी की वारदात को अंजाम देते हुए करोड़ो रूपए की ज्वैैलरी को ठिकाने लगा चुके है। जिनका अपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। रात भी किसी अपराधिक वारदात को अंजाम देने के इरादे से घूम रहे थे, जिनको गिरफ्तार कर लिया गया।