महंगे शौक के लिए दिल्ली, एनसीआर, यूपी में करते थे वाहन, चोरी की दो कार, चार बाइक बरामद

-अंर्तराज्जीय गिरोह के सरगना, कबाडी समेत तीन गिरफ्तार

गाजियाबाद। दिल्ली, एनसीआर, मेरठ, नोएडा, हापुड, बंदायू में वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले अंर्तराज्जीय गिरोह के सरगना, कबाड़ी समेत तीन वाहन चोरों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने चोरी की कार, बाइक बरामद किया है। पकड़े आरोपी कम सयम में ज्यादा पैसा कमाने और महंगे शौक को पूरा करने के लिए चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। जो कि पिछले काफी समय से चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। आरोपित पिछले करीब 5 सालों से 200 से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। चोरी के वाहनों को अपने साथी कबाड़ी को बेच देते थे और कबाडी गाडी के पार्टस को अलग-अलग कर उन्हें बेच देता था।

एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने बताया कि अब्दुर रहमान सिद्दीकी, एसआई अरुण वर्मा, सत्यवीर सिंह, विकास सिंह की संयुक्त टीम ने नंदग्राम पुलिस के साथ शनिवार देर रात आशाराम कट के पास से संजय सैनी पुत्र दिलावर सैनी निवासी ग्राम पांची खरखौदा मेरठ, कमल उर्फ सोनू पुत्र अमर सिंह निवासी पसौंडा, मासूम अली पुत्र उमेर नवासी ग्राम चचरई जहांगीराबाद को गिरफ्तार किया है। संजय सैनी गिरोह का सरगना है और मासूम अली कबाडी है। जिनकी निशानदेही पर चोरी की दो कार, 4 स्पेंलण्डर बाइक बरामद किया गया। संजय सैनी के खिलाफ हापुड, बंदायू, गौतमबुद्धनगर एवं गाजियाबाद के विभिन्न थानों में 43 मुकदमेंं दर्ज है। कमल उर्फ सोनू के खिलाफ विजय नगर, नंदग्राम व हापुड में 6 मुकदमें, मासूम अली के खिलाफ हापुड़ व नंदग्राम में 4 मुकदमें दर्ज है।

क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया गिरोह का मुखिया संजय सैनी अपने साथियों के साथ मिलकर दिल्ली, एनसीआर, मेरठ, नोएडा, हापुड, बंदायू में वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देते है। जो कि दुपहिया वाहन को चोरी कर अपने साथी कबाड़ी को 4 से 5 हजार रुपए में बेच देते है। जो कि पूर्व में कई बार दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा, हापुड व बंदायू से जेल भी जा चुके है। जेल से छूटने के बाद फिर से वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। कबाडी मासूम अली 4 से 5 हजार रुपए में चोरी के वाहन खरीद कर उन्हें पार्टस को अलग-अलग कर मार्किट में बेचने का काम करता था। पकड़े गए आरोपी पिछले करीब 5 सालों से वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। जो कि महंगे शौक को पूरा करने के चोरी करते थे। जिनका अपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।