पीस पार्टी के अध्यक्ष पर रासुका, और बढ़ गई मुश्किलें, जेल से रिहाई नामुमकिन, डॉ. अयूब पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का है आरोप

उदय भूमि ब्यूरो

लखनऊ। पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अयूब की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। धार्मिक भावनाएं भड़काने और कानून व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न करने के कारण डॉ. अयूब को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) में निरूद्ध किया गया है। गोरखपुर पुलिस ने उन्हें एक अगस्त का गिरफ्तार किया था। डॉ. अयूब पर रासुका के तहत कार्रवाई होने की लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि धार्मिक भावनाएं भड़काने और कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करने पर यह कार्रवाई की गई है। बता दें कि हजरतगंज पुलिस ने शिकायत मिलने पर पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अयूब के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। आरोप है कि उन्होंने उर्दू के कुछ अखबारों में आपत्तिजनक पोस्टर छपवाए थे। 153ंए, 505 और आईटी एक्ट में एफआईआर की गई थी। उप-निरीक्षक के.के. सिंह ने यह एफआईआर कराई थी। बाद में गोरखपुर पुलिस को लखनऊ पुलिस से मिले संदेश के बाद बड़हलगंज पुलिस ने बकरीद से एक दिन पहले एक अगस्त को डॉ. अयूब को गिरफ्तार कर लिया था। उस समय वह अपने क्लीनिक में मरीजों का चैकअप कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक डॉ. अयूब द्वारा छपवाए गए पर्चों में बेहद भड़काऊ बातें लिखी गई थीं, जिससे धार्मिक भावनाएं भड़क सकती थीं। उल्लेखनीय है कि इसके पहले गोरखपुर के डॉ. कफील को भी रासुका में निरूद्ध किया गया था। उन पर एक सभा के दौरान आपत्तिजनक बयानबाजी करने का आरोप लगा था। डॉ. कफील और डॉ. अयूब की रिहाई के लिए उनके समर्थक निरंतर आवाज उठा रहे हैं।