ढाई साल बाद अपने वतन लौटेंगे 26 बांग्लादेशी

जेल से रिहाई के बाद स्वदेश वापसी की प्रक्रिया शुरू

लखनऊ। जिला कारागार मथुरा से 26 बांग्लादेशियों की रिहाई हो गई है। सभी ढाई साल से वहां बंद थे। अब उन्हें बांग्लादेश को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 2 नवम्बर को वह अपने वतन में दाखिल हो सकेंगे। रिहाई के बाद बांग्लादेशियों के चेहरे खिल उठे। वतन वापसी के लिए वह काफी उत्साहित दिखाई दिए। मथुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग से करीब ढाई साल पहले 26 बांग्लादेशियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिनमें 7 बच्चे और 19 महिला-पुरूष शामिल थे। उन पर अवैध तरीके से भारत में घुसने और रहने का आरोप लगा था। पुलिस ने सभी बांग्लादेशियों को अदालत के समक्ष पेश किया। कोर्ट ने उन्हें ढाई साल की कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अलावा 3 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया था। अर्थदंड न देने पर सभी बांग्लादेशियों की सजा 2 माह और बढ़ा दी गई। इन सभी बांग्लादेशियों को शनिवार को सजा अवधि पूर्ण होने पर मथुरा जिला कारागार से रिहा कर दिया गया। वह सभी विगत 12 अप्रैल 2018 से जेल में निरूद्ध थे। 2 नवम्बर की सुबह तक उन्हें पश्चिम बंगाल पहुंचना है। बाद में आईबी और बीएसएफ द्वारा पश्चिम बंगाल के जरिए इन बांग्लादेशियों को बांग्लादेश फोर्स के हवाले किया जाएगा। जेल से रिहाई के बाद सभी बांग्लादेशियों को सरकारी बस के जरिए पश्चिम बंगाल रवाना किया गया है। जेल से रिहाई के समय महिलाओं ने वतन वापसी की खुशी जाहिर की। सभी बांग्लादेशी दलाल के माध्यम से भारत आए थे। बदले में दलाल को तयशुदा रकम दी गई थी। मथुरा में विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से काफी संख्या में बांग्लादेशी परिवार रह रहे हैं। पुलिस समय-समय पर अभियान चलाकर बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी करती रही है। पुलिस के मुताबिक जेल में अभी और बांग्लादेशी निरूद्ध हैं। पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेशी अक्सर भारत में एंट्री करते रहते थे। गैर कानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस करने के चक्कर में उन्हें जान का खतरा उठाना पड़ता है।