बालकों को नशे से बचाव के लिए लगाए जाए शिविर : राकेश कुमार सिंह

-सभी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों का कराएं पुलिस सत्यापन

गाजियाबाद। बच्चों की सुरक्षा एवं बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों से बचाव के लिए बच्चों की देखरेख के लिए एक डे केयर होम की आवश्यकता के लिए निदेशालय को पत्र भेजा जाएगा। वहीं, बालकों को नशे से बचाव के लिए शिविर लगाए जाएंगे। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में मिशन वात्सल्य के अंतर्गत जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक के दौरान जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने यह दिशा-निर्देश दिए। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने डीसीपी ट्रांस हिंडन शुभम पटेल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव,उप श्रमायुक्त अनुराग मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वाष्र्णेय,जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह,जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला कौशल विकास अधिकारी, बाल कल्याण समिति सदस्य,किशोर न्याय बोर्ड,संरक्षण अधिकारी गैर संस्थानिक देखभाल एवं विधि सह परिवीक्षा अधिकारी आदि संस्था के प्रभारी आदि के साथ बैठक की।

बैठक में जिला बाल संरक्षण इकाई की छमाई कार्ययोजना एवं बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड के कार्यों की समीक्षा की गई।जिलाधिकारी ने संस्थाओं को आवासित बच्चों की भरण-पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पुर्नवासन के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में संचालित राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोरी एवं महिला कल्याण विभाग से पंजीकृत स्वैच्छिक संगठनों द्वारा संचालित बाल गृहों, खुला बाल आश्रय गृह व विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण एजेंसी में निवासरत बालक, बालिकाओं को सरकार की योजनाओं से जोडऩे के साथ ही प्रत्येक माह उनकी प्रगति सभी संस्था प्रभारी नियमित रूप से जिला बाल संरक्षण इकाई को प्रेषित किया जाए।

आवासित बच्चों के आधार कार्ड बनवाते हुए बच्चों को उनके परिवार में पुर्नवासन की कार्रवाई की जाए। अगर किसी बालक, बालिका का आधार कार्ड नहीं बना है तो सेेंटर को मेरे स्तर से पत्र प्रेषित कर उक्त बालक, बालिका के निवास का पता कर परिवार में पुर्नवासित कराया जाए। उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में संचालित राजकीय व स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से संचालित गृहों में आवासित बालक,बालिका की प्रत्येक माह चिकित्सीय जांच परीक्षण कर आवश्यकतानुसार औषधि का वितरण कराया जाए। बालक,बालिका का मानिसिक रोग विशेषज्ञ के माध्यम से परीक्षण कराया जाए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वाष्र्णेय को निर्देश दिए कि जनपद में संचालित उक्त गृहों को नजदीक की आंगनबाड़ी केंद्रों से जोड़ा जाए। संस्था संचालकों को निर्देशित किया गया कि संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराना सुनिश्चित करें।जिला समाज कल्याण अधिकारी सभी संस्थाओं में निवासरत बालकों का नशे से बचाव के लिए कैंप लगवाए। ताकि बच्चे भविष्य नशे की तरफ  आकर्षित न हो।

जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि वह सभी संस्थाओं में आवासित बच्चों की शिक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करते हुए समुचित व्यवस्था कराए।इसके साथ ही सभी कन्वर्जेन्स विभागों को अपनी योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के साथ नियमित रूप से उनका फॉलोअप लिया जाए।जिलाधिकारी लंबित प्रकरणों को तत्काल निस्तारण करने के निर्देश दिए। वहीं,गरीब परिवारों के बच्चों के वाद प्रकरण का भी जल्द निस्तारण नि:शुल्क विधिक सहायता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से सुनिश्चित कराए जाए। पात्र बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य से आच्छादित कर बच्चों का सर्वांगीण विकास कराया जाए। जनपद में कामकाजी महिलाओं के बच्चों को ड्यूटी के दौरान बच्चों की देखरेख करने के लिए एक डे केयर होम की आवश्यकता को देखते हुए इसका प्रस्ताव निदेशालय लखनऊ को भेजा जाए। ताकि बच्चों की सुरक्षा एवं बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों से संरक्षण प्रदान किया सकें।