निगम में पार्षदों के भ्रष्टाचार पर महाभारत

– हंगामेदार रही नगर निगम की बोर्ड बैठक, भाजपा पार्षद एसके माहेश्वरी ने जांच कराकर पार्षदों एवं ठेकेदारों के संगठित गिरोह को ध्वस्त करने की मांग को लेकर किया हंगामा
– इंदिरापुरम के हैंडओवर को लेकर हुआ जोरदार हंगामा, पार्षद संजय सिंह ने कहा इंदिरापुरम के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार, बढ़ेगी निगम की आमदनी, हैंडओवर में ना अटकाएं रोड़ा
– नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर पार्षदों ने अधिकारियों को घेरा, कहा तेल से लेकर ड्राइवरों तक में खूब हो रहा है खेल

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। कई महीनों के लंबे अंतराल के बाद सोमवार को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक काफी हंगामेदार रहा। पार्षदों और ठेकेदारों के संगठित गिरोहबंदी को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। भाजपा पार्षद ने इस गठजोर को नगर निगम के भ्रष्टाचार की जड़ बताते हुए मेयर आशा शर्मा एवं म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर से जांच कराने की मांग की। सूर्यनगर के पार्षद एसके माहेश्वरी ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि कथित मठाधीश एवं कुछ नामी गिरामी पार्षदों के वार्डों में उनके चेहेते ठेकेदार ही काम करते हैं। इनके वार्ड में किसी दूसरे ठेकेदारों को प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। इसी का नतीजा है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है। पार्षद एवं ठेकेदारों के इस गठजोर को तोड़ने के लिए व्यापक जांच होनी चाहिये। कई पार्षद ऐसे हैं जिन्होंने चुनाव के समय अपनी हैसियत 20 से 30 लाख रुपये की दर्शायी है वही पार्षद अब 35 से 40 लाख की गाड़ी में घुमते हैं। कई पार्षद ऐसे हैं जो अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सिर्फ अधिकारियों पर आरोप लगाते हैं और उन्हें अपने प्रभाव एवं दवाब में लेकर अपना उल्लू सीधा करते हैं। ऐसे चंद भ्रष्ट पार्षदों की वजह से सभी पार्षद बदनाम हो रहे हैं। श्री कुमार माहेश्वरी नें कहा कि कई ठेकेदार छद्म रूप से पार्षद के लिए ही ठेकेदारी करते हैं। माहेश्वरी नें मेयर से निवेदन किया कि सभी पार्षदों के वार्ड में पिछले 3 वर्षों में हुए कामों एवं किस किस ठेकेदार नें ये काम किये हैं उसका ब्यौरा निगम के पोर्टल पर अपलोड कर दिये जाये। अधिकांश पार्षद ऐसे हैं जिन्हें सिर्फ अपने क्षेत्र में काम करवाने से मतलब होता है। लेकिन चुनिंदा पार्षदों के बदनामी की कालिख उनके मत्थे भी मढ़ दी जाती है। सोमवार सुबह 11 बजे लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन परिसर में मेयर आशा शर्मा की अध्यक्षता एवं म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर की मौजूदगी में बैठक की शुरूआत वंदे मातरम के साथ हुई। नगर निगम सदन की 10 माह पूर्व शून्य घोषित हुई सदन बैठक से जुडे बजट एवं वार्डों में विकास के कामों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। इस बीच ये स्पष्ट किया गया कि नगर निगम की जमीन देने से जुडे जो प्रस्ताव पूर्व में रखे गए थे, उन्हें किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। बैठक में इंदिरापुरम को टेकओवर करने का मामला सुर्खियों में रहा। इस बीच बजट के आंकडों को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी और हिमांशु मित्तल ने जबरदस्त तरीके से प्रहार किए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बजट के आंकडों का खेल पूरी तरह से बंद होना चाहिए। बीजेपी पार्षद अनिल स्वामी ने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिकारी खुद से निर्णय लेना बंद करें। निगम कार्यकारिणी एवं सदन से निर्णय होने के बाद ही उन पर अमल किया जाए। निगम सदन एवं कार्यकारिणी से बढकर कोई नहीं है। इसके बाद सदन की कार्रवाई शुरू हुई। पार्षद अनिल स्वामी ने कहा कि यदि किसी नई योजना को निगम अफसर लाना चाहते है तो उन्हें चाहिए कि प्रस्ताव तैयार करते हुए निगम कार्यकारिणी एवं सदन में प्रस्तुत करें। राजेंद्र त्यागी ने कहा कि मेयर नगरायुक्त बोर्ड की बैठक होने के बाद ही मीडिया में बयान दें। हर 15 दिन में बोर्ड बैठक हो। उसके बाद निगम के कामकाज और योजना की जानकारी मीडिया को दी जाये। पार्षद अरविंद चौधरी ने सिलवर स्पून द्वारा नगर निगम की जमीन पर किये गये अवैध कब्जे के मामले को उठाया। पार्षद संजीव त्यागी ने बोर्ड की बैठक को लेकर मामला उठाया। उन्होंने कहा कि नगर निगम बोर्ड और कार्यकारिणी की बैठक एक्ट के हिसाब से होनी चाहिए। लंबे समय तक बोर्ड और कार्यकारिणी की बैठक नहीं होने के कारण कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। शहर में विकास कार्य प्रभावित होते हैं और इसे गंभीरता से लेना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर बोर्ड ने पहले संकल्प लिया है तो उनके आधार पर काम कैसे नहीं किए जाते हैं। बोर्ड की बैठक में मेयर आशा शर्मा, म्युनिसिपल कमिश्रर महेंद्र सिंह तंवर के सामने 26 प्रस्तावों का एजेंडा पेश किया गया है। इस बैठक में मुख्य रूप से 13 सितंबर, 2019 को हुई बैठक की कार्यवृति की पुष्टि, 18 सितंबर, 2019 को हुई बोर्ड बैठक की कार्यवृति की पुष्टि, 21 सितंबर, 2019 की कार्यवृति की पुष्टि के प्रस्ताव शामिल हैं। इनके अलावा कई अन्य प्रस्ताव शामिल हैं। इनमें आरआरटीएस के पावर सब स्टेशन के लिए साईं उपवन के पीछे खाली पड़ी करीब पांच हजार वर्ग मीटर जमीन के आवंटन, महामाया स्टेडियम के पीछे साईं उपवन की 28 एकड़ जमीन का पार्क विकसित करने के लिए, जमीन जीडीए को देने, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए अतिरिक्त जमीन खरीदने के लिए, पैसे के आवंटन की पुष्टि का प्रस्ताव शामिल है। इनके अलावा आईटीएमएस के लिए जीडीए को नगर निगम की ओर से दस करोड़ रुपये अदा करने, नंदग्राम के खसरा नंबर 86,87,88 की जमीन में शहीद मेजर आशाराम त्यागी के नाम से पार्क विकसित करने, लाइब्रेरी बनाने का प्रस्ताव, नंदग्राम में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने, नासिरपुर कोट गांव में निगम की कई करोड़ रुपये की जमीन पर अतिक्रमण करने आदि के प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में पेश किए गए थे। बोर्ड बैठक में मेयर आशा शर्मा, म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर, अपर नगर आयुक्त आएन पांडेय, सदन सचिव प्रमोद कुमार, एसबीएम नोडल आॅफिसर अरूण कुमार मिश्रा, चीफ इंजीनियर मोइनुद्दीन खान, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डा.संजीव सिन्हा, उद्यान प्रभारी डॉ.अनुज सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथलेश, जोनल प्रभारी सुनील राय, हरिकिशन गुप्ता, एग्जयूकेटिव इंजीनियर देशराज सिंह, मनोज प्रभात, योगेंद्र यादव, इंजीनियर अनिल त्यागी, श्याम सिंह, देवी सिंह, एसके रॉयल, योगेश कुमार, संजय कुमार गंगवार, योगेंद्र दीक्षित, पूजा सिंह, कपिल कुमार, गणेशी लाल सहित नगर निगम के अन्य अधिकारी एवं पार्षद मौजूद रहे।

स्वास्थ विभाग ने कराई नगर निगम की किरकरी
नगर निगम के स्वास्थ विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर सदन की बैठक में खूब हंगामा किया। पार्षदों ने स्वास्थ विभाग के भ्रष्टाचार के बहाने मेयर आशा शर्मा और म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर को घेरने की कोशिश की। अधिकांश पार्षदों ने ना सिर्फ स्वास्थ विभाग की लापरवाही को लेकर नाराजगी दिखाई बल्कि कई गंभीर आरोप भी लगाये। पार्षदों ने तेल के खेल से लेकर ड्राइवरों की नियुक्त सहित कई अन्य मसले पर विरोध जताते हुए कार्रवाई की मांग की। पार्षदों ने आरोप लगाया कि स्वास्थ विभाग निरंकुश है और यहां सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले चांदी काट रहे हैं।
जीडीए नहीं चाहता निगम को हेंड ओवर हो इंदिरापुरम
इंदिरापुरम के शिप्रा सन सिटी से बीजेपी के पार्षद संजय सिंह ने इस बात को लेकर तीखी नाराजगी जतायी कि इंदिरापुरम के कई वार्ड निगम के अंतर्गत आते है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण पहलू ये है कि एक पार्षद का अपने वार्ड में विकास कराने का अधिकार नहीं है। संजय सिंह ने कहा कि आरटीआई के जरिये उन्हें कई ऐसे कागजात जुटाये हैं जिससे ये साबित हो जाता है कि इंदिरापुरम निगम को हेंड ओवर करने के नाम पर जीडीए सिर्फ नाटक कर रहा है। चूंकि जीडीए के स्टाफ की सैलरी इंदिरापुरम क्षेत्र से होने वाली वसूली से होती है। इंदिरापुरम हैंडओवर होने पर नगर निगम को प्रत्येक वर्ष 60 से 70 करोड़ रुपये इन क्षेत्रों में मिलेंगे। संजय सिंह ने कहा कि इंदिरापुरम के पार्षद सिर्फ नाम भर के पार्षद हैं। क्षेत्र की जनता पार्षदों से जवाब मांगते हैं। लेकिन बेबस और लाचार पार्षद अक्सर अपमानित होते हैं। संजय सिंह ने जल्द से जल्द तमाम औचारिकताओं को पूरा करके इंदिरापुरम कॉलोनी का हेंड ओवर लेने की मांग की। इस बीच राजेंद्र त्यागी ने कहा कि जीडीए को ग्रीन बेल्ट एवं पार्क की सैंकडों एकड उस जमीन को भी निगम को हेंड ओवर करना होगा जो कि प्राइवेट बिल्डरों को लीज पर दी गई है। इसके साथ कम्युनिटी सेंटर आदि भी निगम के हवाले करने होंगे।

हटेगा सिल्वर स्पून का कब्जा
पार्षद अरविंद चौधरी ने नगर निगम की ग्रीन बेल्ट पर सिल्वर स्पून के अवैध कब्जे का मामला उठाया। पूर्व की बोर्ड मीटिंग में 13-02-2020 में वसुंधरा सेक्टर-18 स्थित सिल्वर स्पून को दी हुई हरित पट्टी की लीज को निरस्त करने की मांग पर सहमति दी गई थी। इसके बाद से इसकी फाइल संपत्ति विभाग में दबा दी गई है। पार्षद ने कहा कि इसकी पर्ची संपत्ति विभाग से क्यों कटती है जबकि मामला उद्यान विभाग संबंधित है। इसकी लीज को आगे ना बढ़ाकर इसे निरस्त किया जाये। अरविंद चौधरी ने कहा कि सिल्वर स्पून द्वारा ग्रीन बेल्ट का व्यवसायिक इस्तेमाल किया जाता है और वहां पर गांव के लोगों को आने नहीं दिया जाता है।

पार्षद ने यहां समुदायिक केंद्र बनाने की मांग रखी। इससे नगर निगम की आय बढ़ेगी और गरीब वर्ग के लोगों को बहन बेटियों की शादी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। भाजपा पार्षद सरदार सिंह भाटी ने बगैर किसी सहमति के वार्ड से सुपरबाइजइर हटाने के मुददे को लेकर तीखी नाराजगी जतायी। कई दूसरे पार्षदों ने भी इस बात पर जोर दिया कि आरडब्लूए के पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उनके सुझाव प्राप्त कर लिए जाए, लेकिन वार्डों में विकास पार्षदों की सहमति के आधार पर कराए जाए।

सिर मुंडवाकर बैठक में पहुंचे पार्षद
नगर निगम बसपा पार्टी का एक पार्षद दिलशाद मलिक अपने आधे बाल मुंडवाकर नगर निगम सदन पहुंच गए। उन्होंने मेयर आशा शर्मा से कहा कि मेरे वार्ड में कार्य नहीं हो रहे हैं, इसलिए उन्होंने आधा सिर मुंंडवाया है। उनका कहना था कि मैैंने जो आधा सिर मुंडवाया है, मेरे वार्ड में आते ही मेरी ऐसी ही स्थिति पैदा हो जाती है। मेयर ने चीफ इंजीनियर से कहा कि वह बताएं कि इनके वार्ड में कितने विकास कार्य हुए हैं, जिसके बाद वह शांत हुए। बैठक में हज हाउस को लेकर भी खूब हंगामा हुआ।

मनोज चौधरी ने उठाया जमीन का मामलाकांग्रेसी पार्षद मनोज चौधरी ने बिल्डरों द्वारा नगर निगम की जमीन पर किये गये कब्जे का मामला उठाते हुए निपुण बिल्डर सहित अन्य सभी बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस मामले में मनोज चौधरी और राजेंद्र त्यागी के बीच तकरार भी हुई। मनोज चौधरी ने कहा सिर्फ पीआईएल और कोर्ट से काम नहीं चलता। मैं सब जानकारी रखता हूं।

टैक्स विभाग में भ्रष्टाचार
भाजपा पार्षद राजीव शर्मा ने टैक्स विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। राजीव शर्मा ने कहा कि टैक्स विभाग में संगठित भ्रष्टाचार है। कविनगर जोन का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि पहले 70 हजार का नोटिस भेजा जाता है। फिर उसे कम करने के नाम पर खेल किया जाता है। टैक्स विभाग में चपरासी को लिपक बना दिया गया है। मनोज गोयल ने वैशाली में बारातघर का मुद्दा उठाया। हिमांशु लव ने अवैध डेयरी और सीएलसी को लेकर कार्रवाई की मांग की। कांग्रेसी पार्षद अजय शर्मा ने भी पार्षदों को अपनी सीमा में रहने की ताकीद की। उन्होंने कहा कि कुछ पार्षद अधिकारियों को हटवाने जैसे कार्यों में ही लगे रहते हैं। हम अपनी गरिमा गिरा रहे हैं इसलिए हमें सफाईकर्मचारी, माली और सुपरवाइजर के लिए गिड़गिड़ाना पड़ता है।