क्रिकेटर हार्दिक पंड्या के पिता का निधन

बेटों की सफलता में निभाया था अह्म रोल

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या और कुणाल पंड्या के पिता हिमांशु पंड्या का निधन हो गया। वडोदरा में शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। हिमांशु पंड्या को दिल का दौरा पड़ा था। पिता के निधन की खबर मिलने के बाद कुणाल पंड्या बड़ौदा टीम के बायो बबल से बाहर निकल गए। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में कुणाल पंड्या बड़ौदा का नेतृत्व कर रहे थे। टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या और कुणाल पंड्या के पिता हिमांशु पंड्या के निधन की खबर से क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। हिमांशु का अपने बेटों की सफलता में महत्वपूर्ण हाथ रहा। वह सूरत में कार फाइनेंस कारोबार करते थे, मगर अपने बच्चों को क्रिकेटर बनाने को हिमांशु ने वडोदरा में बसने का फैसला किया। वडोदरा में सूरत के मुकाबले क्रिकेट की बेहतर सुविधाएं थीं। इसके चलते हिमांशु ने अपना कारोबार तक बंद कर दिया था। हिमांशु पंड्या ने साक्षात्कार में बताया था कि बेटों को सिर्फ क्रिकेट खेलने देने के फैसले पर उनके कई रिश्तेदारों ने सवाल खड़े किये थे, मगर हम अपने विश्वास पर कायम रहे। किरण मोरे के मैनेजर ने कुणाल को बल्लेबाजी करते देखा था। उसने कहा कि कुणाल को वडोदरा लेकर आएं। उनका भविष्य अच्छा है। 15 दिन बाद हिमांशु उन्हें वडोदरा ले गए और वहीं से क्रिकेट का सफर शुरू हो गया। हार्दिक पंड्या ने साल 2017 में श्रीलंका के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी। बाद में कुणाल ने अपने पिता को गिफ्ट में कार दी थी। हार्दिक पंड्या ने ट्वीट कर कहा था कि उनके पिता को जीवन की सभी खुशियां मिलनी चाहिए। पंड्या ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय पिता को दिया था। उन्होंने लिखा था कि उनके पिता ने अपने बेटों के करियर के लिए सब-कुछ छोड़ दिया था। इसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए होती है।