हिंडन नदी के किनारे खाली पड़ी भूमि पर वृक्षारोपण कराएं वन विभाग: जिलाधिकारी

जिला पर्यावरण समिति, जिला वृक्षारोपण समिति एवं जिला गंगा समिति की संयुक्त बैठक

गाजियाबाद। हिंडन नदी के किनारे खाली पड़ी भूमि पर वन विभाग द्वारा पौधारोपण कराया जाएगा। बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी मनीष सिंह,नगर निगम के उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज कुमार सिंह,उप वनाधिकारी एवं समिति सदस्यों के साथ जिला पर्यावरण समिति एवं जिला वृक्षारोपण समिति, गंगा समिति की संयुक्त बैठक करते हुए यह दिशा-निर्देश दिए। बैठक में पिछले माह की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुपालन की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने हिंडन नदी के किनारे जनपद के गांव मटौर से लेकर छिजारसी तक नगर निगम क्षेत्र एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली भूमि पर पौधारोपण करने के निर्देश दिए। इसके साथ अर्जुन और पहाड़ी बांस के पौधे लगाने को कहा गया। पर्यावरण से संबंधित समीर ऐप्प पर लंबित शिकायतों का निर्धारित समय पर गुणवत्तापूर्ण तरीके से निस्तारण किया जाए।

जिलाधिकारी ने आगामी बैठक से पूर्व सभी विभागों द्वारा वर्ष-2023 में पर्यावरण संरक्षण में योगदान के लिए किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़कों की सफाई एवं सड़क किनारे स्थित पेड़ों पर पानी का छिड़काव के लिए सीवर जेट मशीनों का ब्योरा प्रदान करने के निर्देश दिए। सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए नगर निगम,नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की जाए। बैठक में अवगत कराया गया कि वर्तमान में वायु प्रदुषण की रोकथाम के लिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रैप-2 लागू किया गया है। इसके तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया। इसके साथ ही हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने एवं घाटों की स्वच्छता एवं हिंडन नदी के किनारे खाली पड़ी उपयुक्त भूमि का चयन करते हुए पौधारोपण के लिए वन विभाग को तत्काल भूमि उपलब्ध कराई जाए।

ताकि आगामी सत्र से पहले पौधारोपण की तैयारियां पूरी की जा सके। उत्थान समिति के चेयरमैन सत्येंद्र सिंह (पर्यावरण विद्) ने बैठक में कहा कि प्रत्येक विभाग द्वारा किए गए वृक्षारोपण का सोशल ऑडिट अनिवार्य किया जाए। विभागों द्वारा एक ही जगह पर प्रत्येक साल पौधे लगाकर खानापूरी करते हैं। इसका कोई लाभ नहीं है। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी मनीष सिंह का कहना है कि वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों का सैटेलाइट से सत्यापन किया जाता है।अगर कोई एक ही जगह है तो वह स्वीकार नहीं करता हैं। विभागों के लिए ऐसा कोई सिस्टम नहीं है। इसके लिए एक सिस्टम बनाने के लिए जोर दिया। ताकि विभागों द्वारा लगाए जाने वाले पौधों का सत्यापन किया जा सकें।