पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी का निधन

4 बार सीएम, 3 बार गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष रहे

नई दिल्ली। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माधव सिंह सोलंकी नहीं रहे। सोलंकी का शनिवार को निधन हो गया। वह आखिरी बार 3 साल पहले अपने जन्मदिन पर सार्वजनिक तौर पर नजर आए थे। अस्वस्थ होने के कारण वह राजनीति में सक्रिय नहीं थे। माधव सिंह सोलंकी 4 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। फिलहाल वह गुजरात के गांधीनगर में रह रहे थे। केंद्र की नरसिम्हा राव सरकार में सोलंकी ने विदेश मंत्री और योजना मंत्री का पद भी बखूबी संभाला था। वह 3 बार गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके थे। सोलंकी के निधन से गुजरात कांग्रेस में एकाएक शोक की लहर दौड़ गई है। सियासत में आने से पहले सालंकी पत्रकार थे। सोलंकी ने 1980 के दशक में गुजरात में कांग्रेस के लिए एक नया वोट बैंक तैयार किया था। क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम समाज को कांग्रेस से जोडऩे में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह वर्ग उस समय तक कांग्रेस का परंपरागत वोटर नहीं था। सोलंकी ने 1985 के विधान सभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। 182 सदस्यीय गुजरात विधान सभा में तब कांग्रेस को अपने दम पर 149 सीटों पर जीत मिली थी। पेशे से पत्रकार और वकील रह चुके माधव सिंह सोलंकी ने गुजरात में पटेलों का सियासी वर्चस्व समाप्त कर दिया था। वह पहली बार 1977 में कम समय के लिए मुख्यमंत्री बने थे। 1980 के चुनाव में जब कांग्रेस बहुमत से जीती तो उन्होंने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों के लिए आरक्षण लागू कर दिया था। इसका राज्य में भारी विरोध भी देखने को मिला था। सोलंकी को पटेल, वैश्य, ब्राह्मण जातियों का विरोध झेलना पड़ा था। 1981 में अनुसूचित जाति के नागरिकों पर अगड़ी जाति के हमले तेज हो गए थे। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्पेशल पुलिस फोर्स को गुजरात भेजा था।