पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार मुश्किल में

गिरफ्तारी के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआई

नई दिल्ली। चर्चित शारदा चिटफंड घोटाले में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस प्रकरण की जांच में जुटी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अब सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। सीबीआई ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी और पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की अनुमति मांगी है। जांच एजेंसी का आरोप है कि पूर्व पुलिस आयुक्त कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोलकाता हाईकोर्ट ने एक अक्टूबर 2019 में उन्हें जमानत दी थी। सीबीआई ने अब सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पूर्व पुलिस आयुक्त कुमार की जमानत रदद करने और हिरासत में पूछताछ की इजाजत मांगी है। सीबीआई ने याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट ने जमानत देते समय यह स्पष्ट किया था कि राजीव जांच में मदद करेंगे। वह जांच के संबंध में साक्ष्यों के गायब होने के विषय में जानते हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी और पूछताछ के लिए हिरासत में लेना जरूरी है। पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने शारदा घोटाले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था। इसके पहले बंगाल सरकार ने घोटाले की जांच हेतु जिस एसआईटी का गठन किया था, राजीव कुमार उसके सदस्य थे। पिछले साल राजीव कुमार को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने तुरंत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट-खटाया था। तदुपरांत 29 नवंबर को राजीव कुमार को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद से मामला लंबित था। सीबीआई का कहना है कि वह शारदा के निदेशक सुदीप्त सेन, देबजानी मुखर्जी और टीएमसी के कई शीर्ष नेताओं की इस बड़ी साजिश को सुलझाना और जांच को अंजाम तक पहुंचाना चाहती है। सीबीआई का कहना है कि राजीव ने टीएमसी नेताओं और शारदा चिट फंड्स के निदेशकों को बचाने हेतु कॉल डेटा रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर साक्ष्यों को मिटाने का काम किया।