अमेरिका-चीन के रिश्तों में जमी बर्फ पिघली

जो बाइडेन ने शी जिनपिंग से बातचीत की

वॉशिंगटन। अमेरिका और चीन के रिश्तों में गर्माहट देखने को मिल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति का जिम्मा संभालने के बाद जो बाइडेन ने पहली बार चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग के साथ वार्ता की है। दोनों नेताओं के मध्य फोन पर वार्ता हुई। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने चीन की अनुचित व्यापार प्रथाओं, हॉन्गकॉन्ग के हालात, शिनजियांग में मानवाधिकारों का हनन और क्षेत्र में चीन मुखरता के विषय में अपनी बुनियादी चिंताओं को जाहिर किया। पेंटागन द्वारा चीन पर एक कार्यबल की घोषणा के बीच दोनों नेताओं की बातचीत हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चंद्र नववर्ष के अवसर पर चीनी नागरिकों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं। व्हाइट हाउस ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि बाइडन ने अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा, समृद्धि, स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा करने की अपनी प्राथमिकता को दोहराया और एक स्वतंत्र तथा खुले हिंद-प्रशांत की वकालत की। चीन करीब 13 लाख वर्ग. मील क्षेत्र में फैले दक्षिण चीन सागर को अपना संप्रभु क्षेत्र बताता है। इस क्षेत्र में चीन कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य ठिकानों का निर्माण कर रहा है। इस क्षेत्र पर ब्रूनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम का भी दावा है। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने बीजिंग की अनुचित व्यापार प्रथाओं, हांगकांग में तनातनी, शिनजियांग में मानवाधिकारों का हनन और क्षेत्र में उसकी मुखरता के संबंध में अपनी बुनियादी चिंताओं को जाहिर किया है। जो बाइडेन ने पहले कहा था कि वह व्यापार समझौते को तुरंत रद्द नहीं करेंगे और ना चीनी निर्यात पर शुल्क हटाने के लिए कदम उठाएंगे। बता दें कि जो बाइडेन ने गत 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिकी और चीन के रिश्तों में काफी कड़वाहट देखने को मिली थी।