जीडीए बोर्ड बैठक: लंबे इंतजार के बाद वेव सिटी की संशोधित डीपीआर को मिली मंजूरी

-संशोधित डीपीआर को मंजूरी मिल जाने से 3000 खरीदारों को छह महीने में मिलेगा अपना घर

गाजियाबाद। आखिर तीन माह के लंबे इंतजार के बाद जीडीए की 164वीं बोर्ड बैठक में वेव सिटी की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी मिल गई। सोमवार को मेरठ में मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे.की अध्यक्षता में उनके कार्यालय सभागार में शाम चार बजे जीडीए की बोर्ड बैठक हुई। बोर्ड बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष इन्द्र विक्रम सिंह, सचिव राजेश कुमार सिंह, ओएसडी गुंजा सिंह, फाइनेंस कंट्रोलर अशोक कुमार वाजपेयी, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, प्रभारी चीफ इंजीनियर मानवेंद्र कुमार सिंह, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के चीफ कोआर्डिनेटर प्लानर सतीश चंद गौड़, बोर्ड सदस्य पवन गोयल,केशव त्यागी आदि अधिकारी उपस्थित रहे। मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षात में हुई जीडीए बोर्ड बैठक में वेव सिटी की संशोधित डीपीआर को मंजूरी मिल जाने से इससे करीब 3000 खरीदारों को छह महीने में अपना घर मिल सकेगा। वहीं, जीडीए ने व्यवसायिक भूखंडों का प्रति वर्गमीटर 8,700 रिजर्व प्राइज बढ़ा दिया है, जिससे जीडीए के 31,500 वर्गमीटर जमीन पर मौजूद व्यवसायिक भूखंडों की कीमत बढ़ जाएगी।

जीडीए ने वर्ष-2010 में प्रताप विहार सेक्टर-11 में 348 ईडब्ल्यूएस और राजेंद्र नगर के 560 ईडब्ल्यूएस बनाए थे। शासन ने इनकी कीमत दो लाख रुपए तय की थी, लेकिन इनके निर्माण में लागत ज्यादा आ गई। ऐसे में जीडीए ने इसे आवंटियों से वसूलने का प्रयास किया, लेकिन आवंटी राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा आयोग चले गए, जहां से जीडीए पर पेनाल्टी भी लगी। जीडीए ने इस केस को आगे दायर किया, लेकिन इस मामले में स्टे आर्डर है। जीडीए पर पड़ रहे आर्थिक भार को देखते हुए इस पर ऑडिट आपत्ति भी लग गई, जिस पर बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया कि 27.12 करोड़ रुपए के अतिरिक्त भार को जीडीए के व्यवसायिक भूखंड पर भारित किया जाएगा। इसके अलावा टेंडर में दो नई शर्तों को जोड़ा गया है। अब टेंडर आवंटित होने के बाद 15 दिन के भीतर ठेकेदार को एग्रीमेंट करना होगा। ऐसा नहीं करने पर प्रतिदिन एक हजार रुपए आर्थिक दंड देना पड़ेगा।

वहीं, जीडीए में काम करने वाले ठेकेदार अब अपनी आर्थिक क्षमता से अधिक का काम नहीं ले सकेंगे। इसके अलावा 2022-23 की बैलेंसशीट पास की गई है। जबकि वित्तीय वर्ष-2024-25 का बजट भी लगभग 1300 करोड़ रुपए का पास किया गया। जीडीए की बैलेंसशीट के अनुसार जीडीए को 123 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। जीडीए के कुछ कर्मचारियों के मेडिकल बिल का भी पास किए गए हैं। शेल्टर फीस के पैसे के उपयोग करने, होमगार्डस् की नियुक्ति और पहले से लागू हो चुके भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के संशोधन को बोर्ड बैठक ने पास कर दिया है। बोर्ड बैठक में 12 प्रस्ताव रखे गए थे। इन सभी प्रस्तावों पर मुहर लग गई। जीडीए बोर्ड बैठक की खास बात यह है कि यह बोर्ड बैठक तीन माह बाद हुई हैं। इससे पूर्व जनवरी में बोर्ड बैठक स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद 11 मार्च को मेरठ में यह बोर्ड बैठक हुई है।