जीडीए की भरेगी तिजोरी: इंदिरापुरम व विस्तार योजना में 1,49308.78 वर्ग मीटर मिली जमीन

-इंदिरापुरम में रिक्त भूखंडों की अरबों रुपए की जमीन चिन्हित

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को जमीन खोजो अभियान के तहत इंदिरापुरम और इंदिरापुरम विस्तार योजना में एक बड़ी उपलब्धि मिली है। इंदिरापुरम विस्तार योजना में कनावनी गांव के पास रिक्त भूमि लगभग 35000 वर्गमीटर समेत अन्य जगह पर 1,49308.78 वर्ग मीटर जमीन चिन्हित की गई हैं। यह जमीन अरबों रुपए की है।इंदिरापुरम में 3 भूखंडों की लगभग 26000 वर्ग मीटर भूमि चिन्हित किए जाने से जीडीए के सेक्टर रेट के अनुसार करीब 1045 करोड़ रुपए कीमत आंकी जा रही हैं।जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि इंदिरापुरम आवासीय योजना और इंदिरापुरम विस्तार योजना में लगभग 1,49308.78 वर्गमीटर जमीन रिक्त भूखंडों की चिन्हित की गई हैं। इन भूखंडों की मिली जमीन की वर्तमान में अरबों रुपए कीमत है। उन्होंने कहा कि जीडीए की सभी आवासीय योजनाओं में लोकसभा चुनाव बाद लैंड ऑडिट कराया जाएगा।

जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि रिक्त इन भूखंडों में इंदिरापुरम में ईशान गु्रप हाउसिंग जीएच-06 भूखंड-9080 वर्गमीटर, ईशान ग्रुप हाउसिंग जीएच-07 में 9988 वर्गमीटर, ईशान ग्रुप हाउसिंग जीएच-08,9786 वर्गमीटर भूखंड, इंदिरापुरम में कैलाश मारसरोवर के निकट मल्टीप्लेक्स के लिए भूमि-5998.78 वर्गमीटर, वेंडिंग जोन-173.40 वर्गमीटर, इंदिरापुरम के खसरा संख्या-1095 व 1096 में 6144.60 वर्ग मीटर, न्याय खंड-2 में 30,000 वर्गमीटर भूमि, न्यायखंड-3 में रिक्त भूमि-40,000 वर्गमीटर,न्यायखंड-1 में 900 वर्गमीटर,खसरा संख्या-1573 में 328 वर्गमीटर, न्यायखंड-2 में 1000 वर्गमीटर भूमि, अभयखंड में 900 वर्गमीटर और इंदिरापुरम विस्तार योजना में 35 हजार वर्गमीटर समेत कुल 1,49308.78 वर्गमीटर जमीन चिन्हित की गई हैं।

यह जमीन रिक्त व कुछ पर कब्जा है। जीडीए की यह भूमि कनावनी गांव के पास अधिग्रहित जमीन हैं। उन्होंने बताया कि चिन्हित की गई उक्त जमीनों का जल्द निस्तारण कराया जाएगा। इनमें भूखंड को विकसित करने की प्लानिंग की जाएगी। उसके बाद इन्हें नीलामी में बेचने के रखा जाएगा। दरअसल, जीडीए की इंदिरापुरम आवासीय योजना और इंदिरापुरम विस्तार योजना के नाम से सटी योजना है। इसके लिए गांव कनावनी के किसानों की पूर्व में जमीन अधिग्रहित की गई थी। चिन्हित की गई इंदिरापुरम योजना में उक्त भूखंडों समेत अन्य जमीन को मिलाकर अरबों रुपए की यह जमीन जीडीए के पास हो जाएगी। जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि जीडीए की सभी आवासीय योजनाओं का लैंड ऑडिट कराया जाएगा। ताकि योजनाओं में रिक्त पड़ी भूमि को चिन्हित किया जा सकें। अरबों रुपए की यह जमीन चिन्हित किए जाने के बाद जीडीए उपाध्यक्ष की यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। क्योंकि अब से पहले शायद जीडीए में तैनात रहे पूर्व उपाध्यक्ष की नजरों से यह जमीन ओझिल रही हो। चिन्हित की गई इन जमीनों पर भूखंड काटकर उन्हें नीलामी में बेचने की प्लानिंग की गई तो जीडीए की अरबों रुपए की जमीन बिकने से तिजोरी भर जाएगी।