आस्था के सैलाब में डूबा गाजियाबाद़, बोल बम के जयकारे की गूंज

6 लाख कांवडिय़ों-श्रद्धालुओं ने दूधेश्वरनाथ मंदिर में किया जलाभिषेक
-एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने संभाली सुरक्षा व्यवस्था की कमान

गाजियाबाद। शिव की भक्ति में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर में कांवडिय़ों की अनवरत लंबी श्रंखला चल रही है। हर-हर, बम-बम के जयकारे से पूरा माहौल गूंज उठा। श्रावण महाशिवरात्रि पर्व शनिवार की रात 8:32 बजे से शुरू होकर रविवार की दोपहर तक शहर के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर में लगभग 6 लाख कांवडिय़ों एवं श्रद्धालुओंं ने गर्भगृह में जलाभिषेक किया। चतुर्दशी पर शनिवार की शाम से ही जलाभिषेक के लिए मंदिर में शिवभक्तों की भारी भीड़ रही। शहर के प्राचीन सिद्वपीठ दूधेश्वरनाथ मंदिर में बम भोले के जयकारों के साथ शनिवार की रात से लेकर रविवार की दोपहर तक लगभग 6 लाख कांवडिय़ों एवं शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया। वहीं, जलाभिषेक के चलते भारी संख्या में पुलिस फोर्स मंदिर परिसर में मुस्तैद रहीं। एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी ने डीसीपी व एसीपी एवं पुलिस फोर्स के साथ दूधेश्वरनाथ मंदिर के अंदर एवं परिसर में सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली। दूधेश्वरनाथ मंदिर में पुलिस फोर्स की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार की रात 8:32 बजे से चतुर्दशी का भगवान दूधेश्वर को जलाभिषेक शुरू किया गया। यह रविवार को दोपहर करीब 12 तक जलाभिषेक किया गया। दोपहर बाद शिव भक्तों की संख्या कम होने लगी।

शाम को मंदिर में इक्का-दुक्का ही शिवभक्त जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे। जबकि रविवार की रात 10 बजकर 8 मिनट तक चतुर्दशी होने के चलते जल चढऩा था। लेकिन दोपहर बाद ही शिवभक्त मंदिर में जाना बंद हो गए। सिद्धपीठ दूधेश्वर नाथ मंदिर में शनिवार रात में शिव भक्तों की भारी भीड़ रहीं। रात में भीड़ होने के चलते रविवार की सुबह तक रहीं। मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने जलाभिषेक और आरती करने के बाद कपाट खोल दिए गए थे। मंदिर से करीब एक किलोमीटर तक कांवडिय़ों व अन्य शिव भक्तों की जलाभिषेक के लिए शनिवार रात्रि तक लाइन लगी रहीं। हर साल के मुकाबले इस साल मंदिर में भीड़ ज्यादा रहीं। शहर के अन्य सभी शिवालयों में भी भक्तों ने जलाभिषेक और पूजा अर्चना की गई।कांवडिय़ोंं एवं शिवभक्तों ने शिवरात्रि का व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की गई। मंदिर में जलाभिषेक को लेकर कांविडय़ों के लिए पुरूष व महिला शिवभक्तों के लिए अलग-अलग बैरिकेडिंग कर लाइन बनाई गई थीं। कुल 6 कॉरिडोर से मंदिर में प्रवेश किया गया।

डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) मशीन से चेक कर शिव भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया गया। जलाभिषेक और शिव भक्तों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इनमें महिला व पुरूष पुलिसकर्मियों के अलावा एसीपी सलोनी अग्रवाल, एसीपी सुनील कुमार सिंह व इंस्पेक्टर और कई थाना प्रभारी मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था संभाले रहे। पुलिस की चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के चलते महाशिवरात्रि का पर्व व चतुर्दशी का जलाभिषेक शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा खुद जहां मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार भ्रमण पर रहे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से शिवभक्तों द्वारा जलाभिषेक संपन्न कराने के लिए व्यवस्था की गई थी।

भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से दूर होते है सभी कष्ट: महंत नारायण गिरि
मंदिर के श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि सावन के महीने में हिदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की आराधना करना बेहद शुभ माना जाता है। सावन के महीने में खास तौर पर सावन के सोमवार व शिवरात्रि पर सभी भक्त भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हैं। इसलिए शिवालयों में अधिक भीड़ रहती है। दूधेश्वर नाथ मंदिर में शनिवार की रात्रि और रविवार की दोपहर तक लगभग 6 लाख कांवडिय़ों एवं शिवभक्तों ने मंदिर में जलाभिषेक किया। सभी भक्तों ने आराम आराम से शिवरात्रि पर मंदिर बाबा दूधेश्वर का जलाभिषेक करने का अवसर मिला है। इस मंदिर में भक्तों की संख्या ज्यादा रहीं भक्तों की भीड़ को देखते हुए कांवडिय़ों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए थे।

श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर के मीडिया प्रभारी एसआर सुथार ने बताया कि शनिवार रात से शुरू होकर रविवार की दोपहर तक सभी भक्त एवं कांवडिय़ों ने जलाभिषेक किया। दोपहर बाद शिवभक्तों की संख्या कम हो गई।कांवडिय़ों एवं शिवभक्तों की सहूलियत के लिए 200 सेवादार तैनात किए गए थे। जो साफ सफाई के साथ बैरिकेडिंग में लाइन को व्यवस्थित करने में अपना योगदान देते रहे। मंदिर की 500 मीटर की परिधि को दो जोन और 15 सेक्टर में बांटा गया था। मंदिर में पांच एलईडी स्क्रीन से जलाभिषेक का सीधा प्रसारण दिखाया गया। जलाभिषेक के लिए लाइन में लगे और दर्शन करने वाले आने वाले लोग एलईडी स्क्रीन पर शिवलिंग के दर्शन किए। जूते उतारने के लिए पंडाल लगाया गया था। वहीं, घंटाघर रामलीला मैदान में वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था कराई गई थी। मंदिर परिसर में पुलिस ने 16 सीसीटीवी कैमरों के अलावा 36 कैमरे अलग से लगवाए थे।