राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सीएमडी डॉ. पीएन अरोड़ा को किया सम्मानित

  • ट्यूबरक्लोसिस किट वितरण में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी यूपी में बना अव्वल
  • राज्यपाल द्वारा प्राप्त स्मृति चिन्ह एवं सर्टिफिकेट यशोदा हॉस्पिटल कौशांबी के परिवार की मेहनत का है परिणाम: डॉ. पीएन अरोड़ा

लखनऊ/गाजियाबाद। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी, गाजियाबाद के सीएमडी डॉ पीएन अरोड़ा को रविवार को लखनऊ राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा ट्यूबरक्लोसिस की सर्वाधिक किट टीबी के मरीजों को उपलब्ध कराकर प्रदेश में अव्वल रहने पर स्मृति चिन्ह एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वर्चुअल माध्यम से शामिल हुईं। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमबीए) के अंतर्गत विगत एक वर्ष से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा समुदाय को आगे आने और टीबी रोगियों एवं उनके परिवारों को अधिक पोषण, जांच और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने और टीबी उन्मूलन आंदोलन में समुदाय में स्वामित्व की भावना पैदा करने के लिए मुहिम चलायी जा रही है।

इस अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी, गाजियाबाद के सीएमडी डॉ पीएन अरोड़ा के नेतृत्व में इस मुहिम के एक साल पूरा होने पर आयुष्मान भव: अभियान में निक्षय मित्रों को को लखनऊ में राज्यपाल द्वारा उन्हें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा ट्यूबरक्लोसिस किट टीबी मरीजों को उपलब्ध कराने के लिए प्रथम स्थान पर आने पर सम्मानित किए जाने को बेहद सुखद पल बताया। डॉक्टर अरोड़ा ने कहा इस पुरस्कार से यशोदा परिवार अभिभूत है और समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व एवं सामाजिक जिम्मेदारी को और अच्छे से निभाने का हौसला प्रदान करने वाला है। रविवार को जिन 10 संस्थाओं को सम्मानित किया गया, उनमें यशोदा हॉस्पिटल, कौशांबी प्रदेश में सबसे ज्यादा 4142 मुफ्त टीबी किट बांटकर प्रदेश में अव्वल रहा है। डॉ अरोड़ा ने बताया कि यशोदा हॉस्पिटल, कौशांबी ने गाजियाबाद के 5100 से ज्यादा टीबी मरीजों को पुष्टाहार के लिए गोद लिया हुआ है।

डॉ. पीएन अरोड़ा ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है, जो भी दवाएं टीबी हेतु उपलब्ध करायी गयी है उसको समय-समय पर खाते रहें। गोद लिये टीबी के मरीजों को समय-समय पर पोषाहार किट एवं फल उपलब्ध कराया जाएंगे। अपील करते हुये कहा है कि खतरनाक बीमारी में शामिल टीबी को जड़ से खत्म करने के लिये लोगों को जागरूक होना जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है। टीबी से सम्बन्धित कोई भी लक्षण दिखता है तो तुरंत इसकी जांच करवानी चाहिए और पुष्टि होती है तो पूरा उपचार लेना चाहिये। साथ ही उन्होंने कहा टीबी उन्मूलन आंदोलन में अन्य सामाजिक संगठनों को भी आगे आने की जरूरत है, तभी हम अपने प्रदेश और देश को टीबी मुक्त बना सकते है। यह स्मृति चिन्ह एवं सर्टिफिकेट यशोदा हॉस्पिटल कौशांबी के परिवार की मेहनत का ही परिणाम है, जो प्रदेश में ट्यूबरक्लोसिस किट टीबी मरीजों को उपलब्ध कराने के लिए प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इस मुहिम को और आगे बढ़ाया जाएगा। गौरतलब हो कि डॉ. पीएन अरोड़ा सरकार के कार्यक्रमों के साथ विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी आगे बढ़कर अपना सहयोग देते रहते है।