दिसंबर में नॉन कंफर्मिंग जोन भू उपयोग सर्वे होगा पूरा: सीपी त्रिपाठी

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा शहर में कराए जा रहे नॉन कंफर्मिंग (गैर अनुरूप) भू-उपयोग का सर्वे दिसंबर में ही पूरा होगा। जीडीए अधिकारियों का दावा है कि सेटेलाइट और ड्रोन के जरिए सर्वे का काम तेजी से चल रहा है।इसके पूरा होते ही यह शासन को भेजा जाएगा। दरअसल, जीडीए का वर्तमान में मास्टर प्लान-2021 लागू है।यह वर्ष-2002-03 में बना था। तब से गाजियाबाद और लोनी क्षेत्र में 1442.15 हेक्टेयर जमीन गैर अनुरूप भू-उपयोग के रूप में दर्ज की गई थी। इसमें गाजियाबाद में 464.11 हेक्टेयर और लोनी में 978.5 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल था। जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि नॉन कंफर्मिंग जोन का सेटेलाइट और ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। इस सर्वे के पूरा होने के बाद उस क्षेत्र के भू-उपयोग को परिवर्तित किया जाएगा। इसके लिए जीडीए सर्वे रिपोर्ट शासन को भी भेजेगा। ताकि इस जमीन का आगे क्या उपयोग करना है। इसका फैसला शासन स्तर से लिया जा सकेगा।

हालांकि इस सर्वे को अलग से मास्टर प्लान-2031 में शामिल कर दिया जाएगा। ताकि नए मास्टर प्लान में भी जीडीए क्षेत्र की जमीन को लेकर सभी स्थिति स्पष्ट रहे। नॉन कंफर्मिंग क्षेत्र में भू-उपयोग निर्धारित होने से भूमि का लैंडयूज तय हो सकेगा। इससे अवैध निर्माण रूकेगा। वहीं, उस क्षेत्र के मानचित्र स्वीकृत होने से जीडीए की आय भी अर्जित होगी। जीडीए नॉन कंफर्मिंग जोन क्षेत्र के आसपास जिस तरह का निर्माण सबसे अधिक पाएगा। उस क्षेत्र के भू-उपयोग निर्धारित में उसी भू उपयोग को प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए जीडीए ड्रोन से सर्वे करा रहा है। नॉन कंफर्मिंग जोन का भू-उपयोग तय नहीं होता है। उस क्षेत्र की भूमि आवासीय व्यवसायिक और औद्योगिक क्षेत्र में दर्ज नहीं होती है। ऐसे क्षेत्रों में ही सबसे अधिक अवैध कॉलोनियां काटी जाती है। इनमें प्लॉट बेचने के साथ मकान भी बन रहे हैं।