प्रधानमंत्री मोदी की चीन ने कराई जासूसी

-ड्रैगन की नई चालबाजी का खुलासा, दुनिया हैरान, प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति सहित भारत के दस हजार लोगों की हुई जासूसी

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। पापी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दुनियाभर में कोरोना फैलाने वाला चीन अब खलनायकी का एक और रूप दिखा रहा है। ताजा खुलासा हैरान कर देने वाला है। चीन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े सहित देश के हजारों शख्सियत की जासूसी कराई है। चीन ने यह जासूसी विभिन्न तरीके से कराई। जासूसी करवाने के लिए सोशल मीडिया ऐप्स सहित कई गोपनीय जानकारियां जुटाई गईं। चीन ने ना सिर्फ भारत बल्कि आस्टे्रलिया, ब्रिटेन, अमेरिका सहित दुनियाभर के विभिन्न देशों के 24 लाख से अधिक अति महत्वपूर्ण लोगों की जासूसी कराई है। इस जासूसी नेटवर्क में चीनी सेना और खुफिया एजेंसी ने विभिन्न सर्च इंजन, सोशल मीडिया प्लेटफार्म, डेटा यूजर कंपनियों का सहारा लिया है। चीन ने भारत में किस तरह से जासूसी की है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिर्फ प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, स्मृति इरानी, पीयूष गोयल सहित विपक्ष के नेता सोनिया गांधी और उनके परिवार तक की जासूसी करवाई गई। चीन ने सीडीएस बिपिन रावत और वर्तमान में पद पर तैनात सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा कम से कम 15 पूर्व सेना प्रमुखों की भी जासूसी कराई है। जासूसी प्रकरण में चीन ने भारत के उद्योगपतियों को भी नहीं छोड़ा है। चीन ने भारत-पे के संस्थापक निपुन मेहरा, अजय त्रेहन, उद्योगपति रतन टाटा और गौतम अडानी सहित कई की मुखबिरी कराई।

नौकरशाह और वैज्ञानिकों को भी नहीं छोड़ा
चालबाज चीन ने जासूसी के लिए भारत के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और वैज्ञानिकों को भी निशाने पर रखा। अह्म पदों पर बैठे नौकरशाह, जज, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, पत्रकार, कलाकार और खेल से जुड़ी हस्तियों के बारे में भी चीन ने जानकारी जुटाई है। इसके अलावा धार्मिक नेताओं और कार्यकर्ताओं पर चीन की कुदृष्टि है। चीन ने भारत के दस हजार लोगों की जासूसी कराई है।

बिना युद्ध के ही जंग जीतना चाहता है चीन
दुनियाभर को कोरोना वायरस जैसी महामारी देने के बाद चीन ने जासूसी के जरिए एक तीर से कई निशाने साधने का प्रयास किया है। दरअसल ड्रैगन की मंशा बगैर युद्ध के भारत और अन्य देशों से जंग जीतने की है। हालांकि अपनी मंशा में वह कभी कामयाब नहीं हो सकता। इसी मकसद से चीन ने अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के बारे में जासूसी कराई है। चीन इसे हाइब्रिड वारफेयर का नाम देता है। इसके जरिए वह अपने विरोधियों पर बढ़त बनाकर उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश को अंजाम दे सकता है।