पीएम के कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद डॉ अनिल अग्रवाल का अपमान मंच पर नही मिला स्थान घर पर टीवी पर देखा कार्यक्रम

यूनानी मेडिकल मेडिसन कॉलेज के उद्घाटन कार्यक्रम में स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह के साथ राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल भी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। लेकिन राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल उस समय स्तब्ध रह गए जब उन्होंने देखा कि उनके लिए प्रबंधक ने कोई कुर्सी ही नहीं लगाई है। बेहद शांत और सौम्य स्वभाव के धनी अनिल अग्रवाल इस बात से बेहद अचंभित हुए और कार्यक्रम स्थल से निकलकर अपने आवास पर जाकर उन्होंने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखा। बड़ी बात यह है कि पूरा कार्यक्रम सरकारी था और ऐसे में केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रभावशाली सांसद के साथ ऐसा व्यवहार होना बेहद अचंभित कर गया। इसके बाद ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में ही इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि ऐसी गलती किससे और क्यों हुई।

गाजियाबाद। एक तरफ जहां केंद्र सरकार जनता को एक के बाद एक सौगात दे रही है। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सरकार के कामों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। जिसका नजारा उस समय देखने को मिला जब गाजियाबाद में नवनिर्मित यूनानी मेडिकल मेडिसन कॉलेज के उद्घाटन का कार्यक्रम होना था। ऐसे में स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह के साथ राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल भी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। लेकिन राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल उस समय स्तब्ध रह गए जब उन्होंने देखा कि उनके लिए प्रबंधक ने कोई कुर्सी ही नहीं लगाई है। बेहद शांत और सौम्य स्वभाव के धनी अनिल अग्रवाल इस बात से बेहद अचंभित हुए और कार्यक्रम स्थल से निकलकर अपने आवास पर जाकर उन्होंने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखा। बड़ी बात यह है कि पूरा कार्यक्रम सरकारी था और ऐसे में केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रभावशाली सांसद के साथ ऐसा व्यवहार होना बेहद अचंभित कर गया। इसके बाद ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में ही इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि ऐसी गलती किससे और क्यों हुई।

हालांकि अभी कहा जा रहा है कि यह मिस्टेक नहीं बल्कि ब्लंडर मिस्टेक है जो कि जिम्मेदार लोगों के लिए बेहद घातक साबित हो सकती है। लेकिन सारे घटनाक्रम के बाद राज्यसभा सांसद अपने घर पहुंचे और उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं एवं संघ के लोगो के साथ टीवी पर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम देखा। ऐसा लगता है कुछ लोगो द्वारा जान बूझकर ये सब किया जा रहा है। अभी कुछ समय पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में भी शहर के सभी विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में तीन आयुष अस्पतालों का उद्घाटन किया। इसमें गोवा में आयुर्वेद, गाजियाबाद में यूनानी मेडिसिन और दिल्ली के होम्योपैथी के इंस्टीट्यूट शामिल हैं।

मीडिया को भी नहीं मिला स्थान
कार्यक्रम की कवरेज के लिए हालांकि प्रशासन की ओर से मीडिया को भी आमंत्रित किया गया था। मगर कार्यक्रम में मीडिया के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नही की गई थी। कार्यक्रम देखने से लग रहा था कि सिर्फ गिने-चुने लोगों को के लिए ही कुर्सियां थी। कार्यक्रम जिस सभागार में हुआ उसमें 180 सीटें थी। मगर उन सीटों पर सिर्फ संस्थान से जुड़े अधिकारी, कर्मचारियों के साथ भाजपा नेता ही बैठे हुए थे। जब इसकी शिकायत आयोजकों से की गई तब भी व्यवस्था नही कराई गई। जिसके चलते मीडियाकर्मियों को बाहर हॉल में ही बैठे रहना पड़ा।

कार्यक्रम से विधायकों ने बनाई दूरी
राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान के उद्घाटन में जनपद के सभी विधायकों एवं एमएलसी दिनेश गोयलको आमंत्रित किया गया था। लेकिन सिर्फ सदर विधायक अतुल गर्ग ही कार्यक्रम में दिखाई दिए। अन्य विधायक इस कार्यक्रम से दूरी बनाते हुए दिखाई दिए। बरहाल सही ही रहा, अगर सभी विधायक एवं एमएलसी कार्यक्रम में पहुंचते तो शायद उन्हें भी कार्यक्रम से वापस लौटना पड़ता। जिस तरह से आयोजकों की व्यवस्था की गई, उसकी हर किसी ने निंदा की।

डीएम को मिला मंच तो पुलिस कमिश्रर को मिली दर्शकों के बीच जगह
जनपद के कमिश्नरेट बनने के बाद यहां पुलिस कमिश्नर की नियुक्त हो गई है। कार्यक्रम के दौरान
आयोजकों ने डीएम, सीएमओ और नगर आयुक्त को तो मंच पर बुला लिया। मगर पुलिस कमिश्नर को नहीं बुलाया। जिसके चलते कमिश्नर को मंच के सामने दर्शक दीर्धा में ही बैठे रहना पड़ा। संस्थान के एजवाइजर ने वहीं पर उन्हें बुके और प्रतीक चिन्ह व शॉल भेंट करके सम्मन्नित कर दिया।