पार्षदों की घेराबंदी नगर निगम ने जमा करवाया शपथ पत्र जमीन पर कब्जा करने वालों को धोना पड़ेगा पार्षदी से हाथ

गाजियाबाद। नगरीय निकाय चुनाव के चलते नगर निगम के पार्षद प्रत्याशियों द्वारा दिए जा रहे शपथ पत्र के बाद अगर नगर निगम की जमीन कब्जाई तो उन्हें पार्षदी से हाथ धोना पड़ सकता है। चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी अब शपथ पत्र देकर यकीन दिला रहे हैं कि उनका नगर निगम की जमीन पर कब्जा नहीं है। जांच में शपथ पत्र झूठा निकला तो जीतने के बाद पार्षदी जा सकती है। नगर निगम नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी करने से पहले अब शपथ पत्र भी ले रहा है। जिले में नगर निगम समेत निकायों को मिलाकर 9 निकायों में चुनावी बिगुल बज चुका हैं। नामांकन पत्र भी प्रत्याशियों द्वारा खरीदे जा रहे है। हालांकि नामांकन दाखिल किसी भी पद के लिए दूसरे दिन मंगलवार को भी नहीं हो सका। नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले पार्षद पद के प्रत्याशी अब नगर निगम और सभासद निकायों से नो ड्यूज प्रमाण पत्र ले रहे हैं।

उन प्रत्याशियों को एनओसी जारी हो रही है जिन पर हाउस टैक्स का कोई बकाया नहीं है। नगर निगम द्वारा अब तक 895 लोगों को एनओसी जारी कर चुका हैं। इसके साथ ही प्रत्याशी निगम में शपथ पत्र देकर यकीन दिला रहे हैं कि नगर निगम की जमीन पर उनका कोई कब्जा नहीं है। नगर निगम से कोई विवाद नहीं है। इसके बाद शपथ पत्र की जांच होगी। जांच के दौरान अगर शपथ पत्र झूठा मिला तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। झूठा शपथ पत्र मिलने पर पार्षद बनने पर पार्षदी से हाथ धोना पड़ सकता है। शहर में नगर निगम की जमीन बड़ी संख्या में है। यहां पर कब्जे भी कर रखे हैं। कब्जा हटाने के लिए निगम द्वारा अभियान चलाकर करोड़ों रुपए की जमीनों को कब्जामुक्त भी कराया गया। मगर अभी भी बड़ी संख्या में जमीनों पर कब्जे की शिकायत आती हैं। यहीं नहीं कई पार्षदों पर भी जमीनों पर कब्जा करने के आरोप हैं।

निगम अधिकारियों पर पार्षदों से जमीन खाली नहीं कराने के लिए आरोप लगते रहे हैं। इस विवाद से बचने के लिए अब नगर निगम के अधिकारी चुनाव से पहले शपथ पत्र ले रहे हैं। ताकि उनकी छवि पर आंच न आ सके। दरअसल,नगर निगम की बोर्ड बैठक में निगम की जमीनों पर कब्जा करने के मामले पार्षदों द्वारा अक्सर उठाते रहे हैं। निगम का हाउस टैक्स का बकाया जमा करने के बाद ही अब निगम अधिकारियों द्वारा पार्षद पद का चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को एनओसी दी जा रही है। हाउस टैक्स का बकाया जमा होने के बाद नगर निगम के खजाने में लाखों रुपए जमा हो चुका हैं। इसके अलावा जो प्रत्याशी निगम के किराएदार हैं। वह किराया जमा नहीं कर रहे है। उन्हें एनओसी जारी नहीं की जा रही है। किराया जमा कराने के बाद ही एनओसी जारी की जा सकेगी।