वार्ता फिर विफल, अब 19 जनवरी को मुलाकात

किसानों और सरकार के बीच गतिरोध दूर नहीं

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध दूर नहीं हो सका है। दिल्ली के विज्ञान भवन में शुक्रवार को आयोजित 9वें दौर की वार्ता का भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। ऐसे में 19 जनवरी को 10वें दौर की वार्ता निर्धारित की गई है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 51 दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है। अब तक 9 दौर की वार्ता हो चुकी है, मगर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। कृषि कानूनों को निरस्त करने की जिद पर विभिन्न किसान संगठन अडिग हैं। केंद्र्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने आज विज्ञान भवन में किसान प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया। एक तरफ सरकार जहां कानूनों में संशोधन के लिए राजी है, दूसरी ओर किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकार अपना रूख साफ कर चुकी है। सरकार ने कहा है कि कानून वापस लिया जाना कोई विकल्प नहीं है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 9वें दौर की वार्ता से पहले काफी उम्मीद जताई थी। किसानों के साथ चर्चा के उपरांत केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि किसान संगठनों के साथ आज की वार्ता निर्णायक नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि किसानों के साथ 19 जनवरी को फिर बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम बातचीत के जरिए समाधान तक पहुंचने की बात पर भरोसा रखे हैं। सरकार कड़ाके की ठंड में किसानों के आंदोलन को लेकर काफी चिंतित है। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को कांग्रेस ने देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया था। दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में राजभवन का घेराव किया था। राहुल गांधी ने सरकार पर किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है।