यमुना सिटी में रोजगार और निवेश की होगी बंपर बरसात

मेडिकल डिवाइस पार्क और डाटा सेंटर पार्क परियोजना में होगा 45 हजार करोड़ का निवेश एक लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्व में जिस तरह से औद्योगिक विकास की परियोजनाओं पर काम चल रहा है और यही रफ्तार बरकरार रहा तो भविष्य में यमुना सिटी उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश का प्रमुख व्यवसायिक केंद्र बनकर उभरेगा। यमुना प्राधिकरण ने औद्योगिक निवेश के लिए 60 हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य इन्वेसटर्स समिट को लेकर निर्धारित किया है। ऐसे औद्योगिक निवेश पर अधिक फोकस किया जा रहा है जिसमें अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो। बड़े निवेशक यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश करें इसको लेकर विदेशों में रोड शो का आयोजन किया जा रहा है। विदेश में होने वाले रोड शो के जरिये हजारों करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश होने की उम्मीद है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ सीईओ डा. अरुणवीर सिंह जापान व दक्षिण कोरिया में होने वाले रोड शो में शामिल होंगे। रोड शो के दौरान मिलने निवेश प्रस्तावों को फरवरी में होने जा रहे ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में शामिल किया जाएगा और वहीं पर एग्रीमेंट साइन होगा।

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। आने वाले वर्षों में यमुना सिटी क्षेत्र में रोजगार के ढेरो अवसर होंगे। यमुना प्राधिकरण द्वारा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ मेडिकल डिवाइस पार्क, डाटा सेंटर और फिल्म सिटी की परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है ऐसे में जल्द ही धरताल पर असर दिखाई देने लगेगा। लखनऊ में होने वाले यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में यमुना प्र्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक निवेश के दर्जनों मेगा प्रोजेक्ट के प्रस्ताव मिलने की उम्मीद है। इन्हीं सबके बीच यमुना प्राधिकरण द्वारा मेडिकल डिवाइस पार्क और डाटा सेंटर पार्क के लिए अंतर्राष्टÑीय स्तर पर बड़ी कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए कई तरह के आयोजन किये जा रहे हैं। यमुना प्राधिकरण की दो-तीन प्रमुख परियोजनाओं के जरिये एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के औद्योगिक निवेश और एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

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यमुना सिटी में एमआरओ सेंटर बनाने का प्रस्ताव यमुना प्राधिकरण की प्राथमिकता में है। एमआरओ सेंटर बनने सं यहां औद्योगिक विकास तेजी से होगा। एमआरओ सेंटर बनने से लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 50 से 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। भारत में एमआरओ सेंटर नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रुपये विदेश जाता है। इस पैसे की भी बचत होगी। एमआरओ सेंटर के अलावा मेडिकल डिवाइस पार्क और डाटा सेंटर यमुना प्राधिकरण की प्राथिकता सूची में टॉप पर है। मेडिकल डिवाइस पार्क परियोजना में 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश और 70 से 75 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। डाटा सेंटर पार्क के जरिये 10 से 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यमुना सिटी क्षेत्र में एमएसएमई और छोटे-छोटे उद्योग भी स्थापित होंगे जिससे भारी संख्या में स्थानीय और बाहर से आने वाले लोगों को रोजगार मिलेगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्व में जिस तरह से औद्योगिक विकास की परियोजनाओं पर काम चल रहा है और यही रफ्तार बरकरार रहा तो भविष्य में यमुना सिटी उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश का प्रमुख व्यवसायिक केंद्र बनकर उभरेगा। यमुना प्राधिकरण ने औद्योगिक निवेश के लिए 60 हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य इन्वेसटर्स समिट को लेकर निर्धारित किया है। ऐसे औद्योगिक निवेश पर अधिक फोकस किया जा रहा है जिसमें अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो। बड़े निवेशक यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश करें इसको लेकर विदेशों में रोड शो का आयोजन किया जा रहा है। विदेश में होने वाले रोड शो के जरिये हजारों करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश होने की उम्मीद है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ सीईओ डा. अरुणवीर सिंह जापान व दक्षिण कोरिया में होने वाले रोड शो में शामिल होंगे। रोड शो के दौरान मिलने निवेश प्रस्तावों को फरवरी में होने जा रहे ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में शामिल किया जाएगा और वहीं पर एग्रीमेंट साइन होगा।

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मेडिकल डिवाइस पार्क को लेकर यमुना प्राधिकरण छोटे भूखंडों की भी योजना ला रहा है। छोटे उद्योग के लिए 99 भूखंड योजना जल्द लांच होगी। इन भूखंडों के आवंटन की दर 42 सौ रुपये प्रति वर्गमीटर से लेकर 6670 रुपये प्रति वर्गमीटर रखा गया है। बड़ी भूखंड की योजना में न्यूनतम ढाई एकड़ क्षेत्रफल के होंगे। कंपनियों की मांग के अनुसार बड़े क्षेत्रफल के भूखंड की उपलब्ध होंगे। डाटा पार्क परियोजना के तहत पांच भूखंड का नीलामी के आधार पर आवंटन करेगा। तीन भूखंड पांच-पांच एकड़ व दो दस-दस एकड़ क्षेत्रफल के होंगे। इसके अलावा यमुना प्राधिकरण द्वारा संस्थागत भूखंड, दुकान और कामर्शियल भूखंडों की स्कीम भी लाई जा रही है। संस्थागत भूखंड में 2 भूखंड धार्मिक स्थल, दो नर्सिंग होम, एक अस्पताल, 2 सीनियर सेकेंड्री स्कूल के लिए होंगे। प्राधिकरण सेक्टर 22 डी में पंद्रह दुकान की योजना निकाली जाएगी। इस योजना में 31 वर्गमीटर की दुकान होंगी। आवंटन नीलामी के आधार पर होगी। आरक्षित मूल्य 114650 रुपये प्रति वर्गमीटर होगा। वहीं सेक्टर 22 ए में कामर्शियल श्रेणी के 15 भूखंड नीलामी के आधार पर आवंटित होंगे। ये भूखंड 112, 124 व 140 वर्गमीटर के होंगे।