भागीरथ सेवा संस्थान में संपन्न हुई पीएमयू स्टेट कोऑर्डिनेटर की ट्रेनिंग

-ड्रग डी-एडिक्शन के दौरान आने वाली चुनौतियां से निपटने की प्रतिभागियों को दी जानकारी

गाजियाबाद। भागीरथ सेवा संस्थान द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा चयनित पीमयू स्टेट कोऑर्डिनेटर के चौथे बैच की फील्ड ट्रेनिंग कराई गयी। इस ट्रेनिंग में पीएमयू सपोर्ट सेल के कोऑर्डिनेटर वरुण शाह सहित 30 लोगों ने हिस्सा लिया। इस खास ट्रेनिंग की शुरुआत पीएमयू के स्टेट कोऑर्डिनेटर के ओरिएंटेशन से हुई जो कि भागीरथ कैंपस सभागार में संपन्न हुई। यहां पहले प्रतिभागियों को किसी एनजीओ के कार्य करने के सामान्य तौर तरीकों के बारे में बताया गया। उसके बाद डॉ बी जमा, सायकोलॉजिस्ट, द्वारा भागीरथ सेवा संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों का संक्षिप्त विवरण पीपीटी प्रेजेंटेशन के साथ दिया गया। ओरिएंटेशन कार्यक्रम में डॉक्टर स्वाति मित्तल, एमडी सायकेट्री ने ड्रग एडिक्शन से होने वाली परेशानियां और ड्रग डी-एडिक्शन के उपाय और उपचार पर विस्तार से चर्चा की। संस्थान के निदेशक अमिताभ सुकुल ने ड्रग डी-एडिक्शन के दौरान आने वाली चुनौतियां से प्रतिभागियों को अवगत कराया। उसके बाद प्रश्नकाल हुआ, जिसमें एक्सपर्टस ने पीएमयू स्टेट कोऑर्डिनेटर्स के सवालों के जवाब दिए और उनकी तमाम जिज्ञासाओं का समाधान किया।

ओरिएंटेशन कार्यक्रम के बाद पीएमयू स्टेट कोऑर्डिनेटर के चौथे बैच की टीम ने भागीरथ सेवा संस्थान द्वारा संचालित कैमकुस ड्रग डी-एडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर पंहुच वहां का निरीक्षण किया और ड्रग डी -एडिक्शन एवं रिहैबिलिटेशन सेंटर की पूरी प्रक्रिया को बारीकी से समझा। केंद्र के प्रबंध संचालक आरके पांडेय द्वारा पीएमयू स्टेट कोऑर्डिनेटर्स को मरीज के सेंटर पंहुचने, उनका एडमिशन, और फिर काउंसलिंग और ईलाज से लेकर डिस्चार्ज तक की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। आरके पाण्डेय ने बेहतर रिकॉर्ड के लिए बनाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के रजिस्टर एवं अन्य कागजी कार्रवाई के बारे में भी पीएमयू स्टेट कोऑर्डिनेटर्स को बारीकी से अवगत कराया।