गाजियाबाद के मास्टर प्लान में मोदीनगर-मुरादनगर, लोनी में 62817.87 हेक्टेयर भूमि पर हो सकेगा नियोजित विकास

-औद्योगिक और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
-विकास शुल्क, नक्शा स्वीकृति के शुल्क आदि के रूप में मिलेगा जीडीए को राजस्व

गाजियाबाद। महायोजना-2031 के नए मास्टर प्लान की जीडीए बोर्ड बैठक से मंजूरी होने के बाद गाजियाबाद के अलावा मोदीनगर-मुरादनगर, लोनी क्षेत्र में 62817.87 हेक्टेयर भूमि नियोजित तरीके से विकास हो सकेगा। घर बनाने के साथ-साथ इन क्षेत्रों में औद्योगिक और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और उचित प्रबंधन के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे दो लॉजिस्टिक पार्क भी बनाए जाएंगे।
शनिवार को मेरठ मंडलायुक्त कार्यालय सभागार में जीडीए चेयरमैन एवं मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे.की अध्यक्षता में हुई जीडीए बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान-2031 को हरी झंडी मिल गई। जीडीए बोर्ड बैठक में गाजियाबाद-डासना, लोनी, मोदीनगर-मुरादनगर के तीन ड्रॉफ्ट को एकीकृत कर मास्टर प्लान-2031 को रखा गया। मंडलायुक्त ने सभी बिंदुओं का अध्ययन किया। इसके बाद मास्टर प्लान को हरी झंडी दे दी गई। जीडीए द्वारा इस मास्टर प्लान को अब प्रदेश शासन को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। शासन से मंजूरी होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।

गाजियाबाद, डासना,लोनी,मोदीनगर-मुरादनगर की 62817.87 हेक्टेयर जमीन पर नियोजित तरीके से विकास हो सकेगा। इस भूमि का भू-उपयोग आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, ग्रीन बैल्ट, मनोरंजन और अन्य में घोषित हो जाएगा। इससे विकास शुल्क के रूप में जीडीए को करोड़ों रुपए का शुल्क मिल सकेगा। विकास शुल्क, नक्शा स्वीकृति के शुल्क आदि के रूप में जीडीए को राजस्व मिलेगा। मास्टर प्लान-2031 के लागू होने से यहां पर निवेश बढ़ेगा। नए मास्टर प्लान में रियल एस्टेट के लिए अधिक संभावनाएं हैं। यहां पर औद्योगिक इकाईयां स्थापित हो सकेंगी। अन्य कई क्षेत्रों में भी निवेेश के रास्ते होगे। इससे जनपद में रोजगार की भी संभावनाएं बढ़ेंगी।

युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। मास्टर प्लान में आवासीय क्षेत्र को जगह दी गई है। इसमें लोगों को आशियाना मिल सकेगा। 35.7 फीसदी क्षेत्र आवासीय रहेगा। 19.8 फीसदी मनोरंजन,16.8 फीसदी परिवहन,10.1 फीसदी औद्योगिक क्षेत्र,9.2 फीसदी पब्लिक,2.4 फीसदी मिश्रित भू-उपयोग,2.09 फीसदी व्यावसायिक क्षेत्र रहेगा। नए मास्टर प्लान के लागू होने से मोदीनगर व मुरादनगर में नमो भारत ट्रेन के विशेष विकास क्षेत्र व प्रभाव क्षेत्र में गाजियाबाद का विकास शुल्क लगेगा। जीडीए से मोदीनगर, मुरादनगर, डासना व लोनी के उक्त क्षेत्र में नक्शा पास कराना महंगा हो जाएगा। लोगों को चार हजार रुपए प्रति वर्गमीटर की दर पर विकास शुल्क देकर नक्शा पास कराना होगा।नमो भारत के विशेष विकास क्षेत्र व प्रभावित क्षेत्र में नक्शा पास कराने से पूर्व जीडीए में एनसीआरटीसी की एनओसी लेनी होगी। इस क्षेत्र में नक्शा पास कराने का शुल्क आधा जीडीए को मिलेगा और आधा एनसीआरटीसी को।

लोनी में बनेगा ट्रांसपोर्ट नगर:
प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप लोनी में ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जाएगा, औद्योगिक निवेश को बढ़ाने के लिए औद्योगिक क्षेत्र बढ़ाया गया है। यातायात की सुगम व्यवस्था के लिए हाईवे के किनारे ट्रक-बस टर्मिनल बनाए जाएंगे। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के मानकों के अनुरूप भविष्य की योजनाओं के तहत मार्गों पर काम होगा। वहीं, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अनेक स्थानों पर शहर से दूर प्रोसेसिंग साइट प्रस्तावित की गई हैं। औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे दो लाजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे।पर्यावरण को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विकास क्षेत्र में मानक से अधिक हरित क्षेत्रों प्रस्तावित किया गया है।

नमो भारत ट्रेन का टीओडी जोन व विशेष विकास क्षेत्र बढ़ा:
नए मास्टर प्लान में नमो भारत का टीओडी जोन व विशेष विकास क्षेत्र बढ़ गया है। दुहाई डिपो को स्टेशन के रूप में नोटिफाई किए जाने से विशेष विकास क्षेत्र व प्रभावित क्षेत्र बढ़ा है। एनसीआरटीसी की मांग पर संशोधित मास्टर प्लान में नमो भारत के दुहाई डिपो के पास प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके अलावा नमो भारत के दुहाई डिपो व दुहाई स्टेशन के पास प्रभाव क्षेत्र में पहले से प्रस्तावित कृषि भू-उपयोग की जमीनों को टीओडी नीति के तहत मिश्रित भू-उपयोग किया गया है। पहले नमो भारत के गुलधर स्टेशन के पास 510 हेक्टेयर व दुहाई स्टेशन के पास 549 हेक्टेयर में विशेष विकास क्षेत्र चिन्हित किया गया था, लेकिन अब संशोधित मास्टर प्लान में दुहाई डिपो के विशेष विकास क्षेत्र व प्रभावित क्षेत्र भी करीब 500 हेक्टेयर बढ़ा है।

राजेश कुमार सिंह
जीडीए सचिव

मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई जीडीए बोर्ड बैठक में नए मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी गई है। इसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। वहीं,नॉन कन्फर्मिंग जोन का सर्वे भी चल रहा है। गाजियाबाद और लोनी में नॉन कन्फर्मिंग जोन के भू-उपयोग को निर्धारित करने के लिए सर्वे चल रहा है। गाजियाबाद व लोनी क्षेत्र की 1442.15 हेक्टेयर जमीन गैर अनुरूप भू-उपयोग के रूप में दर्ज हैं। गाजियाबाद में 464.11 हेक्टेयर जमीन और लोनी में 978.05 हेक्टेयर जमीन हैं। इस जमीन पर नक्शे पास नहीं हो सकते हैं। नॉन कन्फर्मिंग भू-उपयोग को कन्फर्म करने के बाद सर्वे पूरा होने पर इन क्षेत्रों के भू-उपयोग प्रस्तावित किए जाएंगे।
राजेश कुमार सिंह
जीडीए सचिव