कोरियर व बीमा पॉलिसी के नाम पर करते थे ठगी, सैकड़ों लोगों से कर चुके करोड़ों की ठगी

-1.65 करोड़ की ठगी का साइबर सैल ने किया पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार
-25 प्रतिशत हिस्से का लोगों को लालच देकर उनका खाता खुलवाकर मंगवाते थे ठगी के रुपए

गाजियाबाद। कोरियर/बीमा पॉलिसी के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का साइबर सेल की टीम ने पर्दाफाश करते हुए तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से दो चेक बुक, 27 एटीएम कार्ड, 1 लैपटॉप, तीन मोबाइल, तीन कार एवं दो लाख रुपए नगद बरामद किया गया है।
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि गौरव दुआ इस गैंग का मास्टरमाइंड है। अकेले गौरव दुआ साइबर क्राइम से होने वाली कमाई का 25 प्रतिशत हिस्सा लेता था। कभी गौरव दुआ एक दुकान पर मामूली सी नौकरी किया करता था उच्च शिक्षा प्राप्त गौरव दुआ अपनी कमाई को लेकर परेशान रहता था, लेकिन एक दिन उसकी जान पहचान साइबर ठगी करने वाले मुकेश से हुई और उसने गौरव दुआ को भी नोएडा स्थित सेक्टर-132 में संचालित कॉल सेंटर में लगवा दिया। यही से इसकी किस्मत बदल गई और वह साइबर ठगी का मास्टर बन गया। कभी कुछ सौ रुपये कमाने वाला गौरव अब करोड़ो रुपये चुटकियों में कमाने लगा था। इसके बाद उसने अपनी लैविश लाइफस्टाइल में कारों का काफिला भी जोड़ लिया।

गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी एक डॉक्टर प्रभाष कुमार चौधरी को फोन कर गौरव ने ही अपने झांसे में लिया था और डॉक्टर को कोरियर पर स्टेंप नही लगी होने के बारे में बताकर अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करा लिए थे। इस दौरान डॉक्टर को कई महीनों तक ये लोग चूना लगाते रहे और डॉक्टर से 1.65 करोड़ रुपये ठग लिए। इसकी शिकायत डॉक्टर द्वारा इंदिरापुरम थाने में 19 जुलाई 2023 को की गई थी। एड़ीसीपी सचिदानंद ने बताया कि यह गैंग अन्य लोगों को भी इसी प्रकार से कोरियर पर स्टेंप नहीं लगी होना बताकर उन्हें अपने जाल में फंसा लेते थे और उनके खातों से पैसा निकलवा लिया करते थे। गौरव दुआ अपेक्स कन्सट्रक्शन साइट पर स्टोर मैनेजर का कार्य करता था। जहां पर बहुत अच्छी आमंदनी नही थी, तभी उसकी मुलाकात सोनू चौहान उर्फ धर्मेन्द्र सिंह से करीब दो वर्ष पूर्व हुई थी। सोनू चौहान नोएडा सैक्टर-132 में कॉल सेंटर चलाता है, जहां उसने गौरव दुआ को अपने साथ काम करने के लिए कहा। उसके बाद वह अपने काल सेन्टर पर ले गया जहां पर सोनू मक्कड, रवि यादव, अरूण की एक टीम और दूसरी टीम मुकेश चौहान कार्यरत था। जिसके साथ कार्य करने के लिए कहा और तीसरी टीम में ओमवीर सिंह चौहान, सूरज गुप्ता, तीन-चार लडकियां अज्ञात कार्य करती थी। सोनू चौहान उर्फ धर्मेन्द्र सिंह यहां से कोरियर/ बीमा पॉलिसी कराने के नाम पर विभिन्न लोगों को फोन करवाता था। अपने झांसे मे लेकर विभिन्न खातों मे ठगी की धनराशि मंगाते थे। उक्त कार्य के लिए जो भी आमंदनी होती थी, उसमे गौरव दुआ व मुकेश चौहान की 25-25 प्रतिशत व सोनू चौहान उर्फ धर्मेन्द्र सिंह की 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। सोनू चौहान उर्फ धर्मेन्द्र सिंह अपने 50 प्रतिशत में से 15 प्रतिशत विजय कश्यप को देता था। जो फ्रॉड के लिए बैक एकाउन्ट उपलब्ध कराता था।

पिछले साल जुलाई में गौरव व मुकेश चौहान ने प्रभाष चौधरी को फोन करके बताया कि बीमा लोकपाल से बोलने की बात कहकर एक कोरियर प्राप्त होने की जानकारी दी थी। जिसका स्टाम्प शुल्क नही है, जिस कारण कोरियर को वापस भेज दिया जाएगा। अत: आप स्टाम्प शुल्क 80000 रूपये जमा कर अपना कोरियर प्राप्त करने के लिए कहा। यह राशि रिफण्डेबल रहेगी, जिसका भुगतान आपको बाद में कर होगा। दिनेश ने बीएएलएलबी मोनार्ड यूनिवर्सिटी हापुड से किया है एवं विजय कश्यप के चाट की दुकान पर अक्सर जाता था। जिससे उसकी दोस्ती विजय कश्यप से हो गई, उसके बाद वह वह भी बैंक अकांउट उपलब्ध कराने मेंं उनकी मदद करने लगा। जिसके बाद उसके द्वारा मुदित त्यागी का चालू खाता खुलवाकर विजय कश्यप को दिया गया और वर्तमान मे उत्तराखण्ड के साइबर फ्रॉड के केस मे मुदित त्यागी मेरठ जेल मे बद है। उसके बाद वह फरीदाबाद, मेरठ, आदि जगहो पर जहां पर कन्ट्रकशन का कार्य चल रहा होता था वहां के मजदुरो को पैसो का लालच देकर उनके नाम का खाता खुलवाकर वह उस खाते को विजय कश्यप को दे देता था। पकड़े गए आरोपी शातिर किस्म के ठग है। जो लोगों को लालच देकर उनका खाता खुलवाते थे और फिर उन्हीं के खाते में ठगी के रुपए मंगवाते थे। जिनका आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।