महिला जनप्रतिनिधि के पति करते कामों में हस्तक्षेप, कैसे होगा शासना देश का पालन डीएम से शिकायत

-शिकायत मिलते ही जिलाधिकारी ने नगर निकायों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को लिखा पत्र

गाजियाबाद। जिले में नगर निगम से लेकर नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत, ब्लॉक प्रमुख से लेकर अन्य पदों पर निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि के पति कामों में खूब हस्तक्षेप करते है। निर्वाचित जनप्रतिनिधि सरकारी फाइलों तक को अपने घर ले जाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि शासनादेश का कैसे पालन होगा। बता दें कि प्रदेश शासन के नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने 10 अक्टूबर 2012 को इस संबंध में आदेश जारी किया था। आदेश में स्पष्ट किया था कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि का स्थान बैठकों और सरकारी कार्यों में उनके पति द्वारा न लिए जाने के निर्देश दिए गए थे। वहीं,कार्यों से संबंधित फाइलों के निस्तारण कार्यालय में ही करने के लिए निर्देशित किया गया था। बावजूद इसके फिर भी जनप्रतिनिधि के पति कामों में खूब हस्तक्षेप कर रहे है।

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह से इस मामले में की गई शिकायत के बाद उन्होंने पत्र जारी कर सभी नगर निकायों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को शासनादेश के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने शासनादेश का पालन किए जाने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का स्थान बैठकों और सरकारी कामों में उनके पति न लें। उन्होंने आदेश के बारे में फिर से सभी नगर निगम,नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत एवं ब्लॉक प्रमुख से लेकर अन्य पदों पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, महापौर, नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारियों, खंड विकास अधिकारी आदि को अवगत कराया है। उन्होंने शासनादेश का पूरी तरह से पालन करने के लिए कहा है। ऐसे ही मामला पिछले साल जिला पंचायत विभाग की बोर्ड बैठक में उठ चुका है।

जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में अध्यक्ष के पति और सदस्यों के पति के बैठक में शामिल होने पर भाजपा के विधायक ने आपत्ति जताई थी। मामला शासन तक भी पहुंचा था। जिलाधिकारी की ओर से 11 साल पुराने शासनादेश के बारे में अवगत कराने के बाद इसका कितना असर होगा। यह देखने वाली बात हैं। जिले नगर निगम से लेकर नगर पालिका परिषद,नगर पंचायत समेत 9 नगर निकायों में से 7 में महिलाएं निकाय चुनाव में निर्वाचित हुई है।डासना नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार ने इसकी शिकायत डीएम से की है। बात करें महिला जनप्रतिनिधियों की तो नगर निगम की महापौर सुनीता दयाल निर्वाचित हुई हैं, इनके अलावा लोनी नगर पालिका परिषद की चेयरमैन रंजीता धामा दूसरी बार चेयरमैन चुनीं गई। खोड़ा-मकनपुर नगर पालिका परिषद की चेयरमैन मोहिनी शर्मा पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा की पत्नी चेयरमैन चुनी गई।

नगर पालिका परिषद मुरादनगर में बसपा के पूर्व विधायक वहाब चौधरी की पत्नी छम्मी चौधरी चेयरमैन चुनी गई।नगर पंचायत डासना की चेयरमैन बागे जहां चेयरमैन हैं। नगर पंचायत पतला की अध्यक्ष रालोद नेता योगेंद्र चौधरी की पत्नी रीता चौधरी चेयरमैन है। फरीदनगर नगर पंचायत में आजाद समाज पार्टी के नेता जुबेर की पत्नी रेशमा चेयरमैन है। रजापुर ब्लॉक प्रमुख मोनिका चौधरी है। जबकि भोजपुर ब्लॉक प्रमुख सुचेता सिंह है। इनके पति राजनीतिक के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों के कामों में खूब हस्तक्षेप करते है। ऐसे में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने 11 साल पुराने शासनादेश का पालन कराने के लिए अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को भी इससे अवगत कराया है। ताकि निकायों से लेकर अन्य पदों पर महिला जनप्रतिनिधियों द्वारा शासनादेश का पालन किया जा सकें।