कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए किया जागरूक, 27 कन्याओं को किया सम्मन्नित

कन्या भ्रूण हत्या हमारे समाज के लिए कलंक: बीके शर्मा

गाजियाबाद। बेटी देवी का रूप होती है और प्रसव पूर्व लिंग जांच के नाम पर उसे मार देना देवी की हत्या के समान है। कन्या भ्रूण हत्या हमारे समाज के लिए कलंक है। हमें इस सामाजिक बुराई के लिए खिलाफ जंग लडऩी होगी। बेटी को समाज में एक तरफ देवी का रूप माना जाता है। इसके बावजूद कई बार उससे जन्म लेने का अधिकार छीन लिया जाता है। जागरूकता से ही इस बुराई का अंत किया जा सकता है। यह बातें रविवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय क्रियाशील महिला दिवस या महिलाओं के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिये दिवस को मनाते हुए प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष बीके शर्मा हनुमान ने कहीं। उन्होने कहा
देश के विभिन्न क्षेत्रों में पूरे विश्व भर में 8 मार्च को हर वर्ष मनाया जाता है। इसे पूरी महिला बिरादरी को सम्मान देने, उनके कार्यों की सराहना करके और उनके लिये प्यार व सम्मान जताने के लिये मनाया जाता है। चूंकि महिलाएं समाज का मुख्य हिस्सा होती हैं तथा आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्रियाओं में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं, महिलाओं की सभी उपलब्धियों की सराहना करने और याद करने के लिये अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव मनाते हैं। बीके शर्मा ने बताया अपने अनमोल योगदान के लिये महिला संघर्ष की ओर राजनीतिक और सामाजिक जागरुकता को मजबूत करने के लिये वर्ष के खास विषय और पूर्व योजना के साथ हर वर्ष इसे मनाया जाता है। प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में रविवार को 27 कन्याओं को सम्मानित किया गया व अंग वस्त्र चुनरी पुष्प देकर उनके समक्ष आरती उतार कर कन्या व महिलाओं के दीर्घायु की कामना की गई। कार्यक्रम में स्वामी विद्यानंद सरस्वती महाराज पीठाधीश्वर श्री सिद्ध शनि मंदिर सेवा न्यास मथुरा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस दौरान डॉ डीपी नागर, संजय कुशवाहा, सुनीता बहल, नूर मोहम्मद, रुखसाना परवीन, मनोज कुमार नेहवाल, केपी सरकार, कुमार देवाशीष ओझा, शीला रानी, शहनाज परवीन, सुभाष शर्मा, दिलीप कुमार, मिलन मंडल, एनएस तोमर, बिल्लू प्रजापति, मोहित वर्मा, राशिद, सपन सिकदर, एसके विश्वास, श्यामलाल सरकार, आरपी शर्मा, शहनवाज, मुबाशिर अली, अशोक गोयल आदि सैकड़ों लोग शामिल थे।