नारी से है सृष्टि का आधार: डॉ. सपना बंसल

नारी दिवस बस एक दिवस ही क्यों

गाजियाबाद। नारी ही नर की खान है, सृष्टि का आधार है। नारी के बगैर सृष्टि की परिकल्पना ही असंभव है। नारी सृष्टि के आरंभ से ही सशक्त है। सही मायनों में आवश्यकता समाज को अपनी सोच बदलने की है। यह बातें डॉ. सपना बंसल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने विचार रखते हुए कहीं। उन्होने कहा विश्व स्तर पर, विभिन्न क्षेत्रों में हम महिलाओं की उपलब्धियों एवं नारी का का सम्मान करने के लिए 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं। मुझसे लोगों ने कहा कि हम 8 मार्च को महिला दिवस क्यों मनाते हैं। मैंने कहा वह कौन सा दिवस है जो महिलाओं के बिना है कहते भी हैं पूरे ब्रह्मांड में आपकी मृत्यु किसी भी द्वारा हो सकती है लेकिन हर एक व्यक्ति का जन्म सिर्फ एक महिला के द्वारा ही संभव है। आज भी महिला अत्याचारों की श्रंखला दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। महिलाओं की सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक रूप से भागीदारी पढऩी चाहिए तभी समाज का उद्धार हो सकता है। इनसे जग चलता है और पुरुष जन्म लेकर इन्हीं की कोख में पड़ता है। नारी के महत्व को हम अस्वीकार नहीं कर सकते यह हमारे समाज का अस्तित्व है निश्चित रूप से, महिलाओं ने समाज और देश के कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होने कहा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक वैश्विक दिवस है जो महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाता है धरती से लेकर पाताल तक हर क्षेत्र के निर्माण में महिलाओं का अतुलनीय योगदान है। महिलाएं ही बिजनस, उद्यमी कार्यों और वेतनरहित श्रम के रूप में अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा योगदान देती हैं। कॉरपोरेट्स जगत की बात करें तो आज हर बड़े पर्दे पर महिलाओं का ही वर्चस्व है। भारत देश में महिलाओं ने अपने कौशल कार्य से अपनी अलग पहचान बनाई और साथ ही मां, बहन, बेटी, पत्नी और दोस्त के रूप में अहम् भूमिका निभाई है। सपना बंसल ने कहा शिक्षा एवं कौशल विकास के द्वारा ही महिलाओं को सशक्त किया जा सकता है। आज महिला उद्यमियों की संख्या दिन पर दिन देश में बढ़ रही है। समय आ गया है हम महिलाओं की भागीदारी को हर क्षेत्र में सुनिश्चित करे।ं जिससे देश और राष्ट्र का विकास हो सकें।