स्कूलों में पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट ने कराए बच्चों के दाखिला

गाजियाबाद। आरटीई के तहत प्राइवेट पब्लिक स्कूलों द्वारा निर्धन वर्ग के बच्चों को स्कूलों में दाखिला नहीं देने पर अब प्रशासनिक अधिकारी खुद स्कूल पहुंचकर दाखिला करा रहे है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह एवं खंड शिक्षा अधिकारी कुसुम सिंह ने तीन प्राइवेट पब्लिक स्कूलों का निरीक्षण किया। इनमें 15 बच्चों के दाखिले के सापेक्ष स्कूल की प्रधानाचार्या ने मात्र 4 बच्चों का दाखिला किया।

सिटी मजिस्ट्रेट ने स्कूल की प्रधानाचार्या एवं प्रबंधक से वार्ता कर 3 बच्चों के दाखिले कराए। इस दौरान अभिभावकों को बुलाया गया था। कुछ अभिभावकों की शिकायतों को सुना गया। आय प्रमाण पत्र के अनुसार अधिक आय पाई गई। जबकि कुछ अभिभावक दर्ज कराए पते पर निवास नहीं कर रहे हैं। ऐसे अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। नेहरूनगर स्थित गाजियाबाद पब्लिक स्कूल 18 बच्चों के सापेक्ष 9 बच्चों के दाखिले किए गए। सिटी मजिस्ट्रेट ने स्कूल में 2 बच्चों के दाखिले कराए। अशोक नगर स्थित देहरादून पब्लिक स्कूल में दो बच्चों के दाखिले का आश्वासन स्कूल प्रधानाचार्य एवं प्रबंधक ने दिया। स्कूलों में पहुंचकर बच्चों के दाखिला कराए।

पिछले पांच महीने से स्कूल आंवटित होने के बाद भी छात्रों को शिक्षा के अधिकार नियम के तहत दाखिला नहीं मिल पा रहा है। जिससे अभिभावकों में रोष बढ़ता जा रहा है। आंवटित छात्रों के दाखिले हो सकें, इसके लिए डीएम ने अधिकारियों की एक टीम गठित की थी। इसका असर भी अब दिखने लगा है। सिटी मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह ने नेहरू नगर स्थित एसडी ग्लोबल स्कूल पहुंचकर आवंटित छात्रों के दाखिले कराए। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि शिक्षा के अधिकार नियम के तहत जिन छात्रों को स्कूल आंवटित हो रहे हैं। उनका अनिवार्य रूप से दाखिला कराया जाएगा। अगर स्कूलों को कोई समस्या है तो उसका निस्तारण किया जाएगा, लेकिन किसी भी सूरत में छात्रों को शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। अन्य अधिकारी भी स्कूलों में जाकर दाखिला कराने में जुटे हुए हैं।