बिजली विभाग के इंजीनियरों का प्रमोशन रद्द होने से बढ़ा रोष, आंदोलन की दी चेतावनी

 

-इंजीनियरों का प्रमोशन तत्काल पुर्नस्थापित करने की मांग

गाजियाबाद। 124 असिसटेंट इंजीनियरों की एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों के पद पर की गई प्रोन्नतियां निरस्त होने से आक्रोषित इंजीनियरों ने पूरे प्रदेश में विरोध सभायें सभायें आयोजित कर आक्रोश जाहिर किया। उत्पादन निगम में वर्ष 2008 में नियुक्त असिसटेंट इंजीनियरों की 13 वर्ष बाद विभागीय चयन समिति की अनुशंसा पर दो नवबंर को एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों पद पर की गई पदोन्नतियां 8 दिन के बाद निरस्त कर दिया। जिसके विरोध में ऊर्जा निगमों के इंजीनियरों ने गुरूवार को प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालय, परियोजनाओं सहित राजधानी लखनऊ मे शक्तिभवन पर विरोध सभाएं आयोजित कर विरोध जाहिर किया। बिजली अभियन्ताओं ने सभा में मांग करते हुए कहा कि विभागीय चयन समिति द्वारा समस्त प्रक्रिया पूरी करते हुए प्रदान की गई पदोन्नतियां को तत्काल पुर्नस्थापित किया जाए।
गौरतलब है कि 2 नवम्बर को 124 असिसटेंट इंजीनियरों को विभागीय चयन समिति की अनुशंसा पर पदोन्नतियां प्रदान की गई। लेकिन प्रशासनिक त्रुटि के नाम पर 8 दिन बाद अवकाश के दिन बुधवार को इन पदोन्नतियों को निरस्त कर दिया गया। जिससे बिजली विभाग के इंजीनियरों में आक्रोष व्याप्त है। बिजली इंजीनियरों ने प्रबंधन द्वारा की गई अपमानजनक एवं उत्पीडऩात्मक कार्रवाई का विरोध जाहिर किया।

गुरूवार को अनपरा, ओबरा, पारीछा, हरदुआगंज, पनकी, खारा समेत सभी परियोजनाओं सहित पूरे प्रदेश में गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती, मिर्जापुर, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, बरेली, अयोध्या, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलन्दशहर, देवीपाटन, आगरा, मथुरा, झांसी, बांदा, अलीगढ़, हाथरस, चित्रकूट, देवरिया, हमीरपुर आदि सभी जनपद मुख्यालयों पर समस्त इंजीनियरों ने जमकर नारेबाजी की।

विद्युत इंजीनियर संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह ने कहा कि इंजीनियरों की न्यायसंगत समस्याओं के समाधान के प्रति इस प्रबन्धन के उपेक्षापूर्ण, हठवादी एवं उत्पीडऩात्मक रवैये के चलते ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण वैसे ही बना हुआ हैं। लेकिन ऊर्जा मंत्री के आश्वासन एवं अपील तथा त्योहारों के दृष्टिगत विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दृष्टि से पूर्व निर्धारित आन्दोलन को 12 नवम्बर तक स्थगित किया गया था। लेकिन प्रबन्धन द्वारा अकारण कतिपय दबाव में बिजली इंजीनियरों के विरूद्ध अपमानजनक एवं अन्यायपूर्ण कार्यवाही करते हुए सहायक इंजीनियरों की पदोन्नतियां 8 दिन बाद निरस्त कर दिया गया। जिससे बिजली इंजीनियरों में रोष है। प्रबन्धन द्वारा यह उकसाने वाली कार्यवाही की गयी है। उन्होंने कहा बिजली अभियन्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि पदोन्नतियां निरस्त किये जाने का निर्णय वापस लेते हुए पदोन्नतियां तत्काल पुर्नस्थापित किया जाए। इंजीनियरों के प्रति की जा रही समस्त उत्पीडऩात्मक कार्यवाई को तत्काल बंद किया जाए। नही तो बिजली इंजीनियरों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।